गहलोत सरकार ने करीब 77 लाख छात्र-छात्राओं की यूनिफार्म का रंग बदलने का लिया फैसला

जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के करीब 77 लाख छात्र-छात्राओं की यूनिफॉर्म का रंग बदलने का फैसला किया है। नई यूनिफॉर्म का रंग क्या होगा ये अभी तय नहीं है। लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने गत तीन साल से जिस यूनिफॉर्म को छात्र-छात्रायें पहन रहे हैं उसे दो समुदायों को बांटने वाली करार दे दिया है।

राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने 2017 में स्कूलों में यूनिफॉर्म का रंग बदलकर अपनी विचारधारा स्कूली छात्र-छात्राओं पर थोपने की कोशिश की थी। इसलिए इसे फिर बदलने का फैसला किया गया है। ये फैसला विभागीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। गहलोत सरकार के आपत्ति की मूल वजह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की यूनिफॉर्म और राजस्थान में स्कूली छात्र-छात्राओं की यूनिफॉर्म का एक ही रंग होने पर है।

गहलोत सरकार ने करीब 77 लाख छात्र-छात्राओं की यूनिफार्म का रंग बदलने का लिया फैसला

2017 में वसुंधरा राजे सरकार ने बदली थी यूनिफॉर्म

संघ ने भी कुछ साल पहले अपनी यूनिफॉर्म का रंग बदला था। संघ की यूनिफॉर्म में गहरे भूरे रंग की पेंट है। 2017 में वसुंधराराजे सरकार ने भी स्कूलों की यूनिफॉर्म 20 साल बाद बदली थी. इसके तहत छात्रों के लिए गहरे भूरे रंग की पेंट या हाफ पेंट और हल्के भूरे रंग के शर्ट को यूनिफोर्म बनाया गया था। 2017 से पहले इस यूनिफॉर्म में खाकी रंग की पेंट/हाफ पेंट और नीले रंग का शर्ट थी। वहीं छात्राओं के लिए गहरे भूरे रंग की सलवार या स्कर्ट और हल्के भूरे रंग के कुर्ते को नयी यूनिफॉर्म बनाया गया था। 2017 से पहले छात्राओं के लिए सफेद रंग की सलवार और नीले रंग का कुर्ता यूनिफॉर्म थी।

मौटे तौर 450 करोड़ का खर्च आएगा

आरोप ये भी है कि भीलवाड़ा में जिस कपड़ा मील से संघ के लिए यूनिफॉर्म तैयार होती है वे ही स्कूलों की यूनिफॉर्म का कपड़ा तैयार कर रही है. यूनिफॉर्म न भगवा है न ही संघ या हिंदुत्व के प्रतीक से जुड़ी है. वसुंधरा राज में राजस्थान के शिक्षा मंत्री रहे वासुदेव देवनानी ने तो इसे गहलोत सरकार का संघ का फोबिया करार दिया है।

देवनानी का कहना है कि कई निजी स्कूलों में पहले से ये यूनिफॉर्म चल रही है. स्कूलों से फीडबैक और सुझाव के बाद इस रंग का चयन 2017 में किया था। लेकिन असली मुश्किल तो अभिभावकों की है. राजस्थान में करीब 77 लाख छात्र-छात्राओं की यूनिफॉर्म बदलने में मौटे तौर 450 करोड़ का खर्च आएगा. ये अभिभावकों की जेब पर भार होगा।

सियासत में पिस रहे हैं विद्यार्थी

गहलोत सरकार इससे पहले भी पिछली बीजेपी सरकार पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाकर छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलों का रंग बदल चुकी है। यही नहीं पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा चुका है. राजस्थान में पिछले डेढ़ दशक से स्कूलें, विद्यार्थी और पाठ्यक्रम सियासत का अखाड़ा बने हुए हैं. इस सियासत में पिस विद्यार्थी रहे हैं।