वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय,कोटा का दीक्षान्त समारोह आयोजित
राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ऐसे रोजगारपरक पाठ्यक्रम तथा प्रोफेशनल कोर्स संचालित किए जाएं जिससे विद्यार्थी स्वावलम्बन की ओर प्रेरित हो। उन्होंने कहा कि कुशल मानव संसाधन से ही देश की आर्थिक एवं औद्योगिक प्रगति सुनिश्चित हो सकती है, इसलिए कौशल आधारित पढ़ाई आज के समय की मांग बन चुकी है। राज्यपाल श्री मिश्र वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के दीक्षान्त समारोह में गुरुवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने आह्वान किया कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय आपसी समन्वय से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों पर कार्य करें ताकि विद्यार्थियों के साथ-साथ उद्योग जगत को भी नवीन मानव संसाधन का फायदा मिल सके।
कुलाधपति ने कहा कि सूचना क्रांति और इन्टरनेट के कारण दूरस्थ शिक्षा आसान एवं प्रासंगिक हुई है। विजुअल क्लासरूम लर्निंग, इंटरेक्टिव ऑनसाइट लर्निंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विद्यार्थी घर बैठे ही बेहतर पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक आधारित शिक्षण एवं ऑनलाइन शिक्षण के क्षेत्र में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के लिए मानक विश्वविद्यालय का कार्य करे। राज्यपाल ने कोविड महामारी के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा संचार प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल, वीएमओयू मोबाइल एप्प से पढ़ाई पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने गोद लिए गांवों के विकास के लिए हर संभव प्रयास करे।
उच्च शिक्षा में तेजी से बढ़ रहा राजस्थान: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उच्च अध्ययन के लिए राज्य में बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। मेडिकल, तकनीकी, कृषि, पशुपालन, विधि, पत्रकारिता, आयुर्वेद, पुलिस सुरक्षा आदि विषयों से जुड़े विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर हमारे विद्यार्थी देश और दुनिया में नाम कमा रहे हैं। इसके चलते प्रदेश के विद्यार्थियों को अब उच्च अध्ययन के लिए अन्य राज्यों में जाने के लिए आवश्यकता नहीं रही। गहलोत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालयों में शोध कार्याें को बढ़ावा मिले, हमारे विश्वविद्यालय विश्व स्तरीय बनें और उनके माध्यम से श्रेष्ठ मानवीय संसाधन तैयार हो। दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए इस वर्ष के राज्य बजट में हमने बाबा आम्टे के नाम पर विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की है। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र के साथ चर्चा कर इस विश्वविद्यालय के माध्यम से कोटा के वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की तरह ऐसे पाठ्यक्रम संचालित किए जाएं, जिनसे दिव्यांगजन को सुगमता से शिक्षा के अवसर मिलें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1998 में जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना तब राजस्थान में मात्र 6 सरकारी विश्वविद्यालय थे, लेकिन आज प्रदेश में सरकारी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 28 तक पहुंच गई है। आईआईटी, आईआईएम, एम्स, निफ्ट, एनएलयू, सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हो चुके हैं और अब तो दूसरे राज्यों के विद्यार्थी हमारे शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आ रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का मानना था कि विश्वविद्यालय केवल डिग्री प्राप्त करने के स्थान नहीं बल्कि मानवतावाद, तर्क, साहसिक कार्य, विचारों और नवाचारों के आदान-प्रदान एवं अनुसंधान का माध्यम है। उन्होंने कहा कि खुला विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा की दिशा बदली है। इंजीनियरिंग सहित अन्य क्षेत्रों में भी दूरस्थ शिक्षा के कोर्सेज संचालित किए जा सकें, इस दिशा में सार्थक प्रयास होने चाहिएं।
गहलोत ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल श्री कलराज मिश्र के प्रयासों से विश्वविद्यालयों में लम्बे समय बाद दीक्षान्त समारोहों का आयोजन होना सुखद है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि देश के विश्वविद्यालय अकादमिक श्रेष्ठता के मानदण्ड स्थापित करते हुए विश्व रैंकिंग में अपना स्थान बनाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ अकादमिक संस्थाओं से शिक्षा प्राप्त प्रतिभाशाली विद्यार्थी ही देश को उन्नति के शिखर पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की पहल के अंतर्गत रक्षा विनिर्माण की क्षमता में वृद्धि करना देश की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से डीआरडीओ ने भी कई विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एम.टेक. पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
दीक्षान्त समारोह के दौरान डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की उपाधियां और सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल गोदारा ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत कर विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, सह-शैक्षणिक गतिविधियों एवं विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी। राज्यपाल मिश्र ने समारोह के आरम्भ में उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान की उद्देश्यिका एवं संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्द राम जायसवाल, विश्वविद्यालय प्रबंध-मण्डल एवं विद्या-परिषद के सदस्यगण, शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन उपस्थित रहे।