जीएसटी: आमजन को मिलेगी महंगाई से राहत, जानिए क्या क्या होगा सस्ता

निर्मला सीतारमण,nirmala sitharaman
निर्मला सीतारमण,nirmala sitharaman

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के ऐलान के बाद, जीएसटी काउंसिल ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य जीएसटी रेट्स को कम करना और साथ ही कुछ खास सामानों पर टैक्स बढ़ाना है।

आइए जानते हैं कि किन-किन चीजों को “सिन गुड्स” की कैटेगरी में शामिल किया गया है और उन पर 40% की दर से जीएसटी लगेगा

सेहत के लिए हानिकारक सामान: इस कैटेगरी में वे चीजें शामिल हैं जो लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं, जैसे कि तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, और पान मसाला. फास्ट फूड पर भी इस हाई रेट का असर पड़ सकता है।

वित्तीय जोखिम वाले सामान और सेवाएं: इसमें उन चीजों को शामिल किया गया है जिनसे लोगों को आर्थिक जोखिम होता है. इनमें जुआ, सट्टेबाजी, और अन्य गेमिंग सेवाएं शामिल हैं।

सुपर लग्जरी सामान: कुछ बेहद महंगी चीजों को भी इस कैटेगरी में रखा गया है. इन पर भी 40% जीएसटी लगेगा. इनमें प्राइवेट जेट, याट (Yachts), हेलीकॉप्टर, और कुछ चुनिंदा कार और बाइक्स शामिल हैं।

आईपीएल टिकट: क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा बदलाव यह है कि अब आईपीएल मैचों के टिकट भी महंगे हो जाएंगे, क्योंकि उन पर 28% की जगह 40% जीएसटी लगाया जाएगा।

अन्य सामान: इसके अलावा, कोयला, लिग्नाइट, और पीट जैसे कार्बनिक पदार्थों को भी 40% वाले जीएसटी स्लैब में रखा गया है।

सरकार का मानना है कि इन “सिन गुड्स” पर ज्यादा टैक्स लगाने से इनकी खपत में कमी आएगी, जिससे लोगों की सेहत और आर्थिक स्थिति दोनों बेहतर होंगी. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि इस फैसले का मुख्य उद्देश्य आम आदमी, किसानों, और छोटे कारोबारियों को राहत देना है।

भारत में तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी: बीड़ी पर राहत और विवाद
भारत सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म के तहत कुछ तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी की दरों में बदलाव किया है। इस फैसले के अनुसार, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला और जर्दा जैसे उत्पादों पर 40% जीएसटी लगेगा।

हालांकि, सरकार ने बीड़ी पर राहत दी है। बीड़ी पर जीएसटी की दर को 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। इसके अलावा, बीड़ी बनाने में इस्तेमाल होने वाले तेंदू पत्ते पर अब 5% जीएसटी लगेगा। ये नई दरें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी।

यह फैसला कई लोगों को चौंकाने वाला है, क्योंकि जहां बाकी तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया गया है, वहीं बीड़ी को छूट मिली है।

बीड़ी पर छूट का कारण और विशेषज्ञों की राय
सरकार बीड़ी को ‘सिन प्रोडक्ट’ (sin product) नहीं मानती, जबकि सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों को इस श्रेणी में रखा गया है। इसी वजह से बीड़ी पर टैक्स घटाया गया है।हालांकि, सरकार का यह फैसला विवादों में है और इस पर विशेषज्ञों की राय अलग है। स्वास्थ्य अर्थशास्त्री रिजो जॉन के अनुसार, भारत में बीड़ी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तंबाकू उत्पाद है और यह तंबाकू से होने वाली बीमारियों का सबसे बड़ा कारण भी है। उनका मानना है कि काउंसिल को बीड़ी पर टैक्स को भी 40% तक बढ़ाना चाहिए था, जैसा कि अन्य तंबाकू उत्पादों के साथ किया गया है।