सीने में जलन होती है तो इन चीजों से बचना होगा, जानें इनके नाम

सीने में होती है जलन
सीने में होती है जलन

बदलते खान-पान ने हमारी जीवनशैली को पूरी तरह बदल दिया। काम-काज के बिगड़े शैड्यूल और बेतरतीब व्यवस्था ने हमारे शरीर को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। ऐसे में जहां जैसा मिलता है हम भूख मिटाने के लिए खा लेते हैं। इससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। इन दिनों सबसे ज्यादा शिकायतें सीने में जलन की आती हैं। दरअसल ऐसा तला-भुना खाने और पानी की कमी के कारण होता है। एसिड रिफ्लक्स या सीने में जलन एक ऐसी समस्या जिससे बहुत से लोग कभी न कभी दो चार होते हैं। यह तब होता है जब पेट का एसिड ऊपर की ओर भोजन नली में आ जाता है। इससे सीने में तेज जलन और गले में खट्टा स्वाद महसूस होता है। लोग अक्सर इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर यह बार-बार हो तो यह गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का रूप ले सकता है। इस समस्या के पीछे हमारी कुछ खाने-पीने की आदतें सीधे तौर पर जिम्मेदार होती हैं। मसालेदार और ज्यादा फैट वाला खाना, ज्यादा कॉफी और शराब का सेवन, और अनियमित खान-पान कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जो इस समस्या को बढ़ा देते हैं। आइए इस लेख में जानते हैं कि किन चीजों को खाने से एसिड रिफ्लक्स होता है और इसके पीछे के प्रमुख कारण क्या हैं?

मसालेदार और तला-भुना खाना

मसालेदार
मसालेदार

मसालेदार और तला-भुना भोजन एसिड रिफ्लक्स का सबसे बड़ा कारण है। मिर्च और मसाले पेट में एसिड के उत्पादन को बढ़ाते हैं। इसी तरह का ज्यादा तेल और फैट वाला भोजन धीरे-धीरे पचता है, जिससे पेट में लंबे समय तक एसिड बना रहता है और एसिड रिफ्लक्स की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए विशेषज्ञ इन चीजों से परहेज करने का या बहुत सीमित मात्रा में इसका सेवन करने का सुझाव देते हैं।

खट्टे फल और टमाटर

कुछ खट्टे फल, जैसे संतरा और नींबू, और टमाटर भी कुछ लोगों में एसिडिटी का कारण बन सकते हैं। इनमें मौजूद एसिड पेट के एसिड को बढ़ा देता है, जिससे सीने में जलन हो सकती है। हालांकि, यह हर किसी के साथ नहीं होता, लेकिन अगर आपको इन चीजों को खाने के बाद परेशानी होती है, तो इनका सेवन कम करें।

कैफीन, चॉकलेट और शराब

कॉफी, चाय, चॉकलेट और शराब में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो भोजन नली और पेट के बीच की मांसपेशी को ढीला कर देते हैं। इस मांसपेशी को लोअर इसोफेगल स्फिंक्टर कहते हैं, जो एसिड को ऊपर आने से रोकती है। जब यह मांसपेशी ढीली हो जाती है, तो पेट का एसिड आसानी से ऊपर आ जाता है।

बचाव के तरीके

एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए अपनी खाने-पीने की आदतों में बदलाव लाना जरूरी है। छोटे-छोटे अंतराल पर कम खाना खाएं, रात में सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खा लें, और भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाएं। ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाने से बचें। अगर समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

यह भी पढ़ें : भारत को मिला नया उपराष्ट्रपति, सीपी राधाकृष्णन ने ली पद की शपथ, समारोह में दिखी गरिमा