पैसे की समस्या से जूझ रहे हैं तो शनिवार को करें पीपल के पेड़ की पूजा

पीपल पेड़
पीपल पेड़

अगर आपके काम बनते हुए बिगड़ जाते हैं, किसी भी काम मे आपको सफलता नहीं मिल पाती है और आर्थिक रूप से भी आपको नुकसान हो रहा है, तो आप शनिवार के दिन कुछ उपाय कर सकते हैं. जिससे दरिद्रता हमेशा के लिए दूर हो जायेगी. शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद विधि विधान के साथ पीपल के वृक्ष और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन से दरिद्रता दूर होती है. हिंदू परंपरा के अनुसार, पूजा-पाठ का बहुत महत्व है. शास्त्रों में कई पेड़-पौधों की पूजा का भी उल्लेख किया गया है. ऐसे ही पीपल के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है. ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ में कई देवी-देवताओं का वास होता है।

गरीबी होती है दूर

पीपल पेड़
पीपल पेड़

मान्यता है कि शनिवार को पीपल के पेड़ की विधिवत पूजा करने से घर की गरीबी दूर होती है और घर में सुख शांति बनी रहती है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले पंडित योगेश कुकरेती ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा कि जब मां लक्ष्मी और नारायण का विवाह हुआ था तो मां लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी जिसे दरिद्रता कहा जाता था. अलक्ष्मी ने अपनी बहन से अपने विवाह की बात कही तब भगवान विष्णु ने अपने शिष्य मौद्गल्य से विवाह करवा दिया जिसे कुछ लोग उद्दालक भी कहते हैं.जब ऋषि मौद्गल्य दरिद्रता को अपने आश्रम लेकर गए तो वहां प्रवेश करने से दरिद्रता ने मना कर दिया क्योंकि वहां साफ सफाई थी और दरिद्रता गंदगी व धन की कमी वाले स्थानों में रहना चाहती थी. बड़ी मुश्किल से ऋषि ने उसे मनाया. दरिद्रता अक्सर ऋषि को परेशान करती थी. एक दिन ऋषि दरिद्रता के साथ कहीं बाहर गए. दरिद्रता ने पीने के लिए पानी मांगा. ऋषि ने कहा मैं अभी लेकर आता हूं और आप इसी पेड़ के नीचे तब तक खड़ी रहना जब तक मैं न वापस आ जाऊँ. ऋषि के पास दरिद्रता से छुटकारा पाने का बहुत अच्छा मौका था. वह अपने आश्रम चले गए और वापस नहीं आए. वह शनिवार का दिन था और पीपल के पेड़ के नीचे दरिद्रता ऐसे ही रह गई. तभी से कहा जाता है कि जो व्यक्ति शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष और भगवान विष्णु का पूजन करता है उसकी दरिद्रता दूर हो जाती है।

सूर्योदय से पहले पीपल को चढ़ाए जल

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,शनिवार को प्रात: काल पीपल को जल देने से बहुत लाभ मिलता है. शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले पीपल को जल चढ़ाना चाहिए. उसके बाद इसकी परिक्रमा करनी चाहिए. इससे मन को तो शांति मिलती ही है. साथ ही घर में भी सुख- शांति बनी रहती है और घर से क्लेश भी नहीं होती है. अगर आप रोजाना पीपल को जल चढ़ाते हैं तो ये और अच्छा है.

ऐसे करें पीपल की पूजा

शनिवार के दिन सुबह स्नान करके सूर्योदय के पहले पीपल की पूजा करनी चाहिए. वहीं शनिदेव की विधिवत पूजा करें. इसके बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल से दिया जलाएं. इसके बाद पीपल के पेड़ से कुछ पत्तों को तोडक़र, गंगाजल से इसे धोएं और ले आएं. अब पानी में थोड़ी हल्दी डालकर एक गाढ़ा घोल तैयार कर लें और दाएं हाथ की अनामिका अंगुली से इस घोल को लेकर पीपल के पत्ते पर ह्रीं लिखें. इसके बाद पूजा स्थान पर इस पीपल के पत्ते की पूजा करें. पूजा के बाद पत्ते को अपने पर्स या तिजोरी में लगें. कुछ हफ्ते तक लगातार ऐसा काम करें. इससे घर की दरिद्रता दूर होगी और घर में सुख शांति बनी रहेगी. मान्यताओं के अनुसार पीपल के पत्ते की पूजा करने से ईष्टदेव प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

यहभी पढ़ें : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल से जनसुनवाई बनी सुशासन की नई मिसाल