30 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं। कैल्शियम की कमी और हार्मोनल बदलाव के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। महिलाओं के लिए 30 की उम्र के बाद हड्डियों की मजबूती बेहद जरूरी हो जाती है। इस उम्र के बाद बोन डेंसिटी कम होना शुरू हो जाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस, जोड़ों का दर्द और फ्रैक्चर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कैल्शियम और विटामिन ष्ठ के साथ-साथ योगासन भी हड्डियों को मजबूत और लचीला बनाने का बेहतरीन तरीका है। नियमित योगाभ्यास से न सिर्फ हड्डियों की सेहत बेहतर होती है बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है। अगर आप चाहती हैं कि आपकी हड्डियां लंबी उम्र तक मजबूत बनी रहें, तो रोजाना कुछ योगासनों का अभ्यास करना बेहद जरूरी है। हड्डियां कमजोर हो रही हैं तो आज ही शुरू कर दें ये एक्सरसाइज
वृक्षासन
वृक्षासन बैलेंस और पोस्टर को सुधारने के साथ हड्डियों और पैरों को मजबूती देता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस से बचाने में मददगार है।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन रीढ़, पैर और कूल्हों की हड्डियों को स्ट्रेंथ देता है। कैल्शियम अब्जॉप्र्शन को भी बेहतर बनाता है।
भुजंगासन
यह आसन रीढ़ की हड्डियों और पीठ की मजबूती के लिए फायदेमंद है। भुजंगासन के अभ्यास से ऑस्टियोपोरोसिस के शुरुआती लक्षणों से राहत मिलती है।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन रीढ़, कूल्हों और पैरों की हड्डियों को मजबूत बनाता है। महिलाओं में बैक पेन और हड्डियों की कमजोरी को कम करता है।
पश्चिमोत्तानासन
इस आसन का अभ्यास हड्डियों और मांसपेशियों की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाता है। कमर और पैरों की हड्डियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
उत्कटासन
उत्कटासन पैरों, घुटनों और जांघों की हड्डियों को मजबूत करता है। यह आसन मसल्स को भी टोन करता है।
सूर्य नमस्कार
यह संपूर्ण योगासन है जो पूरे शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों को सक्रिय करता है। रक्त संचार बेहतर करके बोन हेल्थ को बढ़ाता है।