नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हाल ही में पाकिस्तान के नेताओं की भारत विरोधी बयानबाजी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पाकिस्तानी नेतृत्व को अपनी टिप्पणियों में संयम बरतने की सलाह दी और चेतावनी दी है कि किसी भी दुस्साहस के दर्दनाक परिणाम होंगे। जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के नेता अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार इस तरह के बयान देते हैं।
मुख्य बातें
बयानबाजी पर चेतावनी: भारत ने पाकिस्तान के नेताओं द्वारा की गई लापरवाह, युद्धोन्मादी और घृणास्पद टिप्पणियों की निंदा की है और उन्हें संयम बरतने की सलाह दी है।
परिणामों की चेतावनी: भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान द्वारा किसी भी दुस्साहस का परिणाम “दर्दनाक” होगा। हाल ही के ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण भी दिया गया है।
सिंधु जल संधि पर रुख: भारत ने सिंधु जल संधि पर मध्यस्थता न्यायालय की वैधता को कभी स्वीकार नहीं किया है। भारत के अनुसार, इसके फैसले अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं और भारत के जल उपयोग अधिकारों को प्रभावित नहीं करते हैं।
संधि का स्थगन: जायसवाल ने दोहराया कि भारत सरकार के संप्रभु निर्णय के तहत सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करने और बर्बर पहलगाम हमले के जवाब में लिया गया है।
भ्रामक संदर्भों का खंडन: प्रवक्ता ने पाकिस्तान द्वारा सिंधु जल संधि के निर्णयों संबंधी चुनिंदा और भ्रामक संदर्भों को भी खारिज कर दिया है।
यह बयान पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों के बीच आया है, जिसमें भारत ने अपनी स्थिति को बहुत स्पष्ट कर दिया है।