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बैराबी-सैरांग रेल लाइन बनकर तैयार
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13 सितंबर को पीएम मोदी कर सकते है उद्घाटन
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दुर्गम व पहाड़ी इलाकों के बीच पहली बार पहुंचेगी यहां रेल
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142 पुल, 48 सुरंग और कुतुब मीनार से ऊंचे पुल से होकर गुज़रने का रोमांचक सफर
दीपक मेहता
आइजोल (मिजोरम)। 13 सितंबर को भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिजोरम में बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है। इसके बाद मिजोरम भी देश के रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा। देश के सबसे खूबसूरत और मनमोहक नजारों के बीच होकर गुजरने वाली इस रेल परिजयोजना को रेलवे ने बड़ी बड़ी चुनौतियों के बीच पूरा किया है। यह मिजोरम के लिये एक सपने के सच होने जैसा है।
अथक मेहनत और हौसले से पाया यह मुकाम
इस सेक्शन पर चार नए स्टेशन हार्तुकी, कौनपुई, मुलखांग और सैरांग बनाए गए हैं। इसमें कुल 48 सुरंगें (जिनकी कुल लंबाई 12.8 किमी है), 55 बड़े और 87 छोटे मिलाकर 142 पुल शामिल हैं। इस रूट पर बना 114 मीटर ऊंचाई वाला पुल संख्या 144 पूर्व में इसका नम्बर 196 था, एक प्रमुख आकर्षण है। रेलवे के मुताबिक यह भारतीय रेलवे का सबसे ऊंचा खंबा होगा। कुतुबमीनार से भी ऊंचा पुल यह रेलमार्ग इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है।
विधुतीकरण का कार्य तेजी से
रेलवे लाइन परियोजना केंद्र की एक्ट ईस्ट नीति का हिस्सा है। इसको बनाने में 8071 करोड़ रुपए लागत आई है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा की होगी। अभी डीजल इंजन से ट्रेनों का संचालन होगा मगर विधुतीकरण का कार्य भी त्वरित गति से चल रहा है।
विश्वस्तरीय सुविधा केंद्र के रूप में होगा विकसित
विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी प्रस्तावित योजना के तहत सैरांग रेलवे स्टेशन को एक विश्वस्तरीय सुविधा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। स्टेशन को आधुनिक भवन के साथ विकसित किया जाएगा। यहां वातानुकूलित लाउंज, होटल, रेस्टोरेंट और कैफेटेरिया, प्रतीक्षालय और रिटायरिंग रूम होंगे।
स्टेशन पर यात्रियों के लिए स्पा और शॉपिंग सेंटर जैसी मनोरंजक और विश्राम की सुविधाएं भी होंगी। इसके अलावा स्टेशन में लिफ्ट एस्केलेटर और दिव्यांग अनकल रैंप जैसी अत्याधनिक सविधाएं होंगी।
असम के सिलचर शहर और देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी
कपिंजल किशोर शर्मा पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के वर्तमान मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने बताया कि नई रेलवे लाइन मिज़ोरम पूरी तरह से देश के रेलवे मानचित्र में उभारेगी, इसके अलावा आइज़ोल को असम के सिलचर शहर और देश के बाकी हिस्सों से भी जोड़ेगी। यह लाइन जुड़ने से आइजोल की देश के साथ कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे पर्यटन के साथ.साथ रोजगार के अवसर खुलने में मदद मिलेगी।
इंजीनियरिंग चुनौतियाँ शामिल थीं
बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन मिजोरम राज्य की 51.38 किलोमीटर लंबी नई ब्रॉड गेज रेल लाइन है, जिसे बैराबी से सैरांग तक बिछाया गया है। इस परियोजना में कई इंजीनियरिंग चुनौतियाँ शामिल थीं, जिनमें पहाड़ी इलाका, सुरंगें और पुल शामिल हैं। परियोजना में दुर्गम पहाड़ी और भूकंप-संभावित क्षेत्रों से गुजरना पड़ा, जिससे यह अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो गई।
रेल यात्रा का एक नया अनुभव
दुर्गम व पहाड़ी इलाकों के बीच रेल मार्ग पर यात्री एक नया अनुभव महसूस करेंगे। यह रेलवे लाइन बहुत ही सुंदर मार्ग और कुदरती मनमोहक नजारों के बीच होकर गुजरेगी, जिसे देखकर यात्री रेलवे के इस चुनौतीपूर्ण कार्य की प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकेंगे।
मिजोरम में पर्यटकों की संख्या में होगा इजाफा
मिजोरम में राजस्थान के पत्रकारों का एक दल ले कर आये उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि म्यांमार और बांग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित मिजोरम में इस रेल लाइन के बनने से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी जिससे माल और यात्रियों की आवाजाही आसान तथा तेज होगी। इसके साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर मिजोरम में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।
असम का सिलचर और पूरा देश का रेलवे नेटवर्क जुड़ेगा
यह रेल लाइन मिजोरम को सीधे असम के सिलचर और वहां से पूरे देश के रेलवे नेटवर्क से जोड़ देगी। रेल लाइन का म्यांमार तक विस्तार करने की योजना है, जिससे यह भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग बन जाएगा।
पीएम मोदी के दौरे की तैयारियां पूरी
बैराबी सैरांग रेल लाइन के उद्घाटन को लेकर मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदूहोमा ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री 12 सितंबर को खुद आइजोल आने का कार्यक्रम है। इसके बाद वह रात आइजोल में ही गुजारेंगे। फिर अगले दिन यानी 13 सितंबर को नई रेल लाइन बैराबी सैरांग का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही सीएम लालदूहोमा ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा भी कर ली है। हालांकि अभी पीएम के दौरे की आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
कपिंजल किशोर शर्मा पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के वर्तमान मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने बताया कि यह लाइन मिजोरम के लिए महत्वपूर्ण है, जो अब राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा। यह पूर्वोत्तर भारत में रेल कनेक्टिविटी को मजबूत कर आइज़ोल को रेलवे मानचित्र पर लाएगी, क्योंकि सैरांग राजधानी शहर के पास स्थित है। साथ ही सैरांग रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय सुविधा केंद्र में अपग्रेड किया जाएगा और राजधानी ट्रेन सेवाएं चलाई जाएंगी।
रेलवे लाइन बिछाने में थी कई चुनौतियां
बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेल लाइन जिस इलाके से गुजर रही है, भौगोलिक रूप से वह काफी खतरनाक क्षेत्र है. बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेल लाइन को बिछाने में कई चुनौतियां थी। कठिन पहाड़ी इलाका, भारी बारिश और सीमित संसाधनों की पहुंच जैसी दिक्कतों से पार पाते हुए।
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने करीब दस साल में इस रेलवे लाइन का निर्माण पूरा कर लिया। इस रूट पर 55 बड़े और 87 छोटे पुल और 48 सुरंगें, जिनकी कुल लंबाई करीब 12 किलोमीटर है, बनाई गई है। इस ट्रैक के निर्माण में कुल 42000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है।
म्यांमार सीमा तक बढ़ाने की योजना
बैराबी सैरांग रेलवे लाइन को भारत-म्यांमार सीमा तक बढाने की योजना है। आठ अप्रैल को मिजोरम के राज्यसभा सदस्य के. वनलालवेना ने भी कहा था कि रेल मंत्रालय भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित गांव ज़ोचाछुआ तक इस रेलवे लाइन का विस्तार करने की योजना बना रहा है।
इसके लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण भी किया जा चुका है। अगर यह रेलवे लाइन म्यांमार सीमा तक पहुंचती है तो इससे भारत-म्यांमार के बीच व्यापार और संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।