तेहरान। ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मदरेजा अरेफ ने मंगलवार को कहा कि यदि परिस्थितियां अनुकूल हों तो ईरान अमेरिका के साथ सीधे परमाणु मुद्दों पर बातचीत कर सकता है। राज्य मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी गई है।
अरेफ ने अमेरिका की उस मांग को “मजाक” बताया जिसमें तेहरान से यूरेनियम संवर्धन पूरी तरह छोड़ने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह शर्त यथार्थ से परे है। उन्होंने कहा कि ईरान का शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु तकनीक विकसित करने का अधिकार अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत संरक्षित है और इसे किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जा सकता।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी वार्ता की शुरुआत के लिए सबसे पहले समानता और आपसी सम्मान का माहौल होना जरूरी है। यदि बातचीत की मेज पर आने का मतलब यह है कि हमें अपने वैध अधिकारों से हाथ धोना पड़े, तो ऐसी वार्ता का कोई औचित्य नहीं।
ज्ञात हो कि तेहरान और वॉशिंगटन के बीच छठे दौर की अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता जून में अचानक रोक दी गई थी। इसका कारण इज़राइल और अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु स्थलों पर किए गए हवाई हमले बताए जाते हैं, जिनसे देश की कुछ प्रमुख परमाणु सुविधाओं को नुकसान पहुंचा। इन हमलों के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ गया था।