- खेती को सुरक्षित और सरल बनाने के लिए राजस्थानी प्रवासी किसानों को उपलब्ध कराएंगे ड्रोन
- राजस्थान के किसानों को ड्रोन और कृषि संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए अनूठे अभियान की घोषणा
- इस अभियान को सफल बनोन के लिए कई प्रतिष्ठित प्रवासी राजस्थानियों ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है
दुबई/जयपुर । राजस्थान सरकार किसान ड्रोन योजना जैसी राष्ट्रीय नीतियों के तहत कृषि को सरल और आधुनिक बनाने के लिए प्रदेश के किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती करने के लिए ड्रोन उपलब्ध कराने में सहयोग कर रही है। इस पहल को नई उचाईयां देने के लिए राजस्थान फाउंडेशन, दुबई चैप्टर आगे आया है। आरएफ का उदृेश्य राजस्थान के सक्षम किसानों को उन्नत तकनीकी से कुशल, अनुकूल और संसाधन संपन्न बनाना है। राजस्थान सरकार के तत्वावधान में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अगुवाई और डॉ. मनीषा अरोड़ा, आयुक्त राजस्थान फाउंडेशन के संरक्षण में अमरा राम जांगिड़, अध्यक्ष आरएफ दुबई चैप्टर ने उड़ान किसान योजना के तहत राजस्थान के किसानों को ड्रोन और कृषि संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए अनूठे अभियान की घोषणा की है। इस अभियान को सफल बनोन के लिए कई प्रतिष्ठित प्रवासी राजस्थानियों ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है।
ग्राम पंचायत को दिए जाएंगे ड्रोन
राजस्थान फाउंडेशन, दुबई चैप्टर के अध्यक्ष अमरा राम जांगिड़ ने बताया कि राजस्थान बिजनेस एंड प्रोफेशनल ग्रुप, यूएई और विश्वकर्मा प्रोफेशनल एंड बिजनेस ग्रुप, यूएई जैसे प्रतिष्ठित संगठन इस पहल के समर्थन में आगे आए हैं। अभियान के अंतर्गत विभिन्न “ग्राम पंचायत समितियों” को ड्रोन दिए जाएंगे जिनका उपयोग किसान अपने क्षेत्र में फसल क्षेत्र (भू-स्थानिक), फसल स्वास्थ्य, कीटनाशक छिड़काव, बीजारोपण, जल उपलब्धता, मिटृटी के स्वास्थ्य परीक्षण जैसे कार्यों की निगरानी का कार्य बखूबी कर सकेंगे।
किसानों की बाधा दूर करने में सहायक साबित होगी यह पहल
एमडी और सीईओ मैजिक माईना राजस्थान प्राइवेट लिमिटेड जितेंद्र ओधरानी ने कहा कि ऐसी कमी पर विचार करना ज़रूरी है जो उपलब्ध तो है, लेकिन हमारे किसानों की पहुंच से बाहर है। हमारे किसान देश की रीढ़ हैं और सच्चा भारत गांवों में बसता है। हम उन्हें यह एहसास दिलाना चाहते हैं कि वे देश के मालिक हैं और यह तकनीक खेती-बाड़ी के रोजमर्रा के कार्यों में आने वाली बाधा और कठिनाइयों को दूर करने में सहायक साबित होगी। वीपीबीजी के अध्यक्ष लाला राम सुथार ने बताया कि एक राष्ट्र तभी समृद्ध हो सकता है जब उसका ग्रामीण क्षेत्र उन्नत हो और उसकी परचेजिंग पावर क्रय शक्ति हाई हो। किसानों की तकलीफ और दर्द को हम भलि भांति महसूस कर सकते हैं क्योंकि मैं एक किसान पृष्ठभूमि से आता हूं। यह पहल अपने आप में पहली ओर अनूठी साबित होगी।
कीटनाशक विषाक्तता के कारण किसानों की मौत के आंकड़े चिंताजनक
जितेंद्र ओधरानी ने आगे बताया कि एक वर्ल्ड स्टडी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हर साल 6,600 भारतीय किसानों की मौत कीटनाशक विषाक्तता (pesticide poisoning) से होती हैं, यह कीटनाशक विषाक्तता के कारण हुई वैश्विक मौतों का लगभग 60 प्रतिशत है। भारत में अनजाने में कीटनाशक विषाक्तता से हर साल अनुमानित 10,000 मौतें होती हैं और भारत में हर साल तीव्र विषाक्तता के 145 मिलियन मामले सामने आते हैं। ये बहुत ही चिंताजनक और डराने वाले आंकड़े हैं। किसानों की इस तकलीफ को हमने बहुत बारिकी से समझा है, यह एक अभियान नहीं बल्कि एक मिशन है जिसके माध्यम से हम किसानों को राहत पहुंचाकर ही दम लेंगे।
यह कमियां बढ़ाती हैं मौतों का जोखिम
सुरक्षात्मक उपकरणों की कमी, कम साक्षरता और अरसेफ स्टोरेज जोखिम को बढ़ाती हैं। कई किसान व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) का खर्च वहन नहीं कर सकते या उनकी आवश्यकता के बारे में जानते ही नहीं हैं। लगातार इनके संपर्क में रहने से तंत्रिका संबंधी विकार Neurological disorders, कैंसर और मेंटल हैल्थ संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिसके कारण आत्महत्या तक करने जैसी घटनाएं सामने आती हैं। मैजिक मैना राजस्थान प्राइवेट लिमिटेड, महिंद्रा सिटी जयपुर, राजस्थान में अपनी तरह का पहला ड्रोन निर्माण संयंत्र है, जो मेक इन राजस्थान, मेक इन इंडिया के अनुरुप इनका निर्माण कर रहा है।
इन प्रवासियों के सहयोग से साकार हुई यह पहल
अमरा राम जांगिड़, अशोक ओधरानी, हरिकिशन रांकावत, लाला राम सुथार, पुखराज शर्मा, डॉ. केसर कोठारी, डॉ. राम अवतार गुप्ता, डॉ. महावीर मेहता, नरेंद्र ओधरानी, टीकू सिंह, मोहनदास गुरनानी और आसिफ बेहलीम जैसे प्रतिष्ठित और जाने माने “प्रवासी राजस्थानियों के समर्थन ये इस पहल ने मूर्तरूप लिया है। इस पहल के लिए इन राजस्थानी प्रवासियों का पूरा.पूरा सहयोग और समर्थन प्राप्त है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल के नेेंतृत्व में 10 से 11 दिसंबर 2025 के बीच राइजिंग राजस्थान पार्टनरशिप कॉन्क्लेव में पंचायत समितियों को कृषि-ड्रोन दान किए जाएंगे।
क्या है किसान ड्रोन योजना
खेती में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने साथ ही किसान की परिश्रम लागत कम करने की दिशा में केंद्र सरकार ने किसान ड्रोन योजना 2025 (Kisan Drone Yojana) शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को खेती में ड्रोन तकनीक अपनाने के लिए प्रोसाहित करने के लिए किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए सब्सिडी और उसे उड़ाने की फ्री पायलट ट्रेनिंग दे रही है। किसान ड्रोन की मदद से खेती में कीटनाशक छिड़काव, फसल की निगरानी और जमीन का सर्वे जैसे कार्य कम समय पर आसानी से कर सकें। इस योजना का उद्देश्य खेती को स्मार्ट और तकनीकी रूप से सक्षम और उन्नत बनाना है, ताकि फसल उत्पादन बढ़े और परिश्रम लागत घटे। इस योजना के तहत व्यक्तिगत किसानों को कृषि ड्रोन (एग्रीकल्चर ड्रोन) खरीदने के लिए 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलती है। योजना में कृषि ड्रोन के साथ स्प्रे असेंबली के साथ बेसिक ड्रोन, कैरी बॉक्स, बैटरी सेट, डाउनवर्ड कैमरा, ड्यूल-चैनल फास्ट बैटरी चार्जर, चार्जर हब, एनीमो मीटर, पीएच मीटर जैसे सभी उपकरणों के पूरे किट के लिए सब्सिडी दी जाती है।