शरीर को स्वस्थ रखने, सभी अंगों के कार्यों को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए हमें निरंतर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। शरीर में ऑक्सीजन का संचार बाधित होना कई प्रकार की गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। यही वजह है कि ऑक्सीजन को प्राणवायु भी कहा जाता है। क्या आपने कभी सोचा कि शरीर में अगर ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाए तो इसका सेहत पर क्या असर हो सकता है? शरीर में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से कम होने को मेडिकल की भाषा में हाइपोक्सीमिया कहा जाता है। ऑक्सीजन हमारे शरीर के लिए वैसी ही है जैसे आग के लिए ईंधन। बिना इसके शरीर का कोई भी अंग काम नहीं कर सकता। सामान्य तौर पर ब्लड ऑक्सीजन लेवल 95त्न से ऊपर होना चाहिए। अगर यह इससे कम होने लगे तो शरीर कई गंभीर संकेत देने लगता है जिसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लगातार ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से कम बने रहने से ब्रेन, हार्ट और किडनी जैसे अंगों पर नकारात्मक असर हो सकता है। जानिए शरीर को कितनी प्रतिशत ऑक्सीजन जरूरी, ऐसे रखें ख्याल
शरीर में ऑक्सीजन की कमी
अब सवाल ये है कि आखिर किन स्थितियों में शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है? अमर उजाला से बातचीत में श्वसन और फेफड़ों से संबंधित रोगों के विशेषज्ञ डॉ प्रशांत कुमार बताते हैं, कई ऐसी स्थितियां हैं जिसके कारण ऑक्सीजन का स्तर प्रभावित हो सकता है।
फेफड़ों की बीमारियां जैसे अस्थमा, निमोनिया, सीओपीडी की समस्या से परेशान लोगों में ये दिक्कत अधिक देखी जाती रही है।
इसके अलावा दिल की कमजोरी जिससे खून ठीक से पंप नहीं हो पाता इस वजह से भी कई लोगों में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है।
जिन लोगों में खून की कमी (एनीमिया) की दिक्कत है उनमें सभी अंगों तक ऑक्सीजन ले जाने वाले हीमोग्लोबिन की मात्रा घट जाती है, जिसके कारण भी हाइपोक्सीमिया होने का खतरा बढ़ जाता है।
ऑक्सीजन लेवल गिरना एक गंभीर संकेत
डॉक्टर कहते हैं, शरीर का ऑक्सीजन लेवल गिरना एक गंभीर संकेत है जो हमें बताता है कि अंदर कहीं न कहीं गड़बड़ी है। अगर इसे समय रहते न समझा जाए तो इससे गंभीर समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।
डॉ प्रशांत बताते हैं, हमारे शरीर में ऑक्सीजन लेवल फेफड़ों पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है। जब हम सांस लेते हैं, तो फेफड़े हवा से ऑक्सीजन लेकर उसे खून तक पहुंचाते हैं। लेकिन अगर फेफड़ों में कोई बीमारी हो तो ये प्रक्रिया बाधित हो जाती है।
निमोनिया रोगियों में फेफड़ों की थैली में तरल पदार्थ भर जाता है, जिससे ऑक्सीजन का खून में घुलना मुश्किल हो जाता है। इस तरह की बीमारियां हाइपोक्सीमिया बढ़ा सकती हैं।
ऑक्सीजन कम रहना दिल की बीमारी का संकेत
ऑक्सीजन कम रहना फेफड़ों की समस्या तो है ही इसके अलावा कुछ लोगों में ये हार्ट की बीमारी का भी इशारा हो सकता है। फेफड़े ऑक्सीजन को खून तक पहुंचाते हैं, लेकिन उस ऑक्सीजन को पूरे शरीर में पहुंचाने का काम हृदय करता है। अगर दिल सही तरीके से रक्त पंप नहीं कर पा रहा है, तो शरीर के हिस्सों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचता है। यही कारण है कि हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक या जन्मजात हृदय रोगों के शिकार लोगों में ऑक्सीजन कम हो जाता है।
लो ऑक्सीजन लेवल के इन कारणों को भी जानिए
शरीर का ऑक्सीजन लेवल गिरना कई अन्य कारणों का परिणाम भी हो सकता है इसलिए इसपर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
खून की कमी (एनीमिया) से पीडि़त लोगों में लो ऑक्सीजन की समस्या बहुत आम है। एनीमिया में रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन ले जाने वाले हीमोग्लोबिन की मात्रा घट जाती है।
द लैंसेंट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग अधिक वायु प्रदूषण वाले इलाकों में रहते हैं उनमें भी हाइपोक्सीमिया की दिक्कत अधिक देखी जाती रही है।
स्लीप एपनिया वाले मरीजों में अक्सर ऑक्सीजन लेवल गिरने की समस्या देखी जाती रही है।