जनरल जिया के जूते साफ कर सत्ता में आए थे नवाज शरीफ : इमरान खान

कराची। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच जुबानी जंग जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को खान ने शरीफ को उनके बयान को लेकर निशाना साधा। उन्होंने सेना प्रमुख की तरफ से चुनाव में हस्तक्षेप करने और देश में एक कठपुतली सरकार बनाने का आरोप लगाने को लेकर शरीफ को आड़े हाथ लिया।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएलएन) के 70 वर्षीय नेता शरीफ को भ्रष्टाचार के आरोपों में शीर्ष अदालत ने 2017 में सत्ता से बेदखल कर दिया था। उन्होंने शुक्रवार को पहली बार सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज पर इमरान खान की जीत सुनिश्चित करने के लिए 2018 के चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।

नवाज शरीफ के आरोपों पर पलटवार करते हुए शनिवार को इमरान खान ने कहा कि पीएमएलएन के अध्यक्ष जनरल जिया के जूते साफ कर के सत्ता में आए थे। बता दें कि नवाज शरीफ 1980 के दशक में उस समय सियासत में आए थे जब सैन्य तानाशाह जनरल जिया उल हक ने देश में मार्शल लॉ लगाया था।

जनरल जिया के जूते साफ कर सत्ता में आए थे नवाज शरीफ : इमरान खान

खान ने कहा कि शरीफ ने सेना के नेतृत्व के खिलाफ उस समय नकारात्मक भाषा का इस्तेमाल करने का विकल्प चुना है, जब सैनिक राष्ट्र के लिए अपना बलिदान दे रहे हैं। खान ने कहा, वे अपने जीवन का बलिदान क्यों कर रहे हैं? हमारे लिए, देश के लिए। और यह गीदड़ और यह गीदड़ जो अपनी दुम दबाकर भाग गया था उसने सेना प्रमुख और डीजी आईएसआई के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है।

पाकिस्तानी सेना, जिसने देश के 70 से अधिक वर्षों के अस्तित्व में आधे से अधिक समय तक पाकिस्तान पर शासन किया है, उसका सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी दखल है। खान ने कहा कि शरीफ ने 1980 के दशक के अंत में मीरन बैंक से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की बेनजीर भुट्टो के खिलाफ चुनाव लडऩे के लिए करोड़ों रुपये लिए थे।

इमरान खान ने कड़े शब्दों में कहा, यह वही शख्स (नवाज शरीफ) है जिसने दो बार (पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली) जरदारी को जेल में डाला। वह जरदारी ही थे, जो उनके (नवाज शरीफ) खिलाफ हुदैबिया पेपर मिल्स केस लेकर आए थे, न कि जनरल बाजवा। वहीं विपक्षी दलों की संयुक्त रैली पर टिप्पणी करते हुए, खान ने इसे सर्कस करार दिया।