नेपाल: विवाह कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव

काठमांडू । नेपाल में, विवाहेतर संबंधों से पैदा हुए बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विवाह कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। यह संशोधन कुछ विशेष परिस्थितियों में बहुविवाह को कानूनी मान्यता देता है। आइए इस प्रस्तावित कानून से जुड़ी मुख्य बातों को विस्तार से समझते हैं:

प्रस्तावित कानून की मुख्य बातें


  • विशेष परिस्थितियों में बहुविवाह: यह प्रस्ताव केवल उन मामलों में दूसरी शादी की अनुमति देता है जहाँ विवाहेतर संबंध से कोई बच्चा पैदा हुआ हो।
  • बच्चों के अधिकार: इस कानून का मुख्य उद्देश्य विवाहेतर संबंधों से जन्मे बच्चों को कानूनी पहचान, सामाजिक दर्जा और पैतृक संपत्ति का अधिकार दिलाना है।
  • कानून मंत्री का बयान: कानून मंत्री अजय कुमार चौरसिया ने स्पष्ट किया है कि यह कदम बहुविवाह को बढ़ावा देने के लिए नहीं है, बल्कि ऐसे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए है जिन्हें उनके माता-पिता की गलती की सज़ा नहीं मिलनी चाहिए।

विरोध और चिंताएँ


इस प्रस्तावित कानून का कई महिला संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है।

  • महिला संगठनों का विरोध: नेपाल महिला संघ जैसे संगठनों का कहना है कि किसी भी रूप में बहुविवाह को मान्यता देना महिलाओं के सम्मान और स्वाभिमान के खिलाफ है। उन्होंने इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है।
  • राजनीतिक दलों का विरोध: सत्ता पक्ष के नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी यूएमएल के महासचिव शंकर पोखरेल ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका मानना है कि यह कानून बिना किसी ठोस चर्चा के लाया गया है और इसे संसद में पारित नहीं होने दिया जाएगा।

यह प्रस्तावित कानून नेपाल में एक नई बहस का केंद्र बन गया है, जहाँ एक ओर बच्चों के अधिकारों की रक्षा की बात है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं के सम्मान और बहुविवाह को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं।