
शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने चेतावनी दी है कि 14 से 17 जुलाई तक प्रदेश में कई स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। इस दौरान कांगड़ा और सिरमौर जिलों में 14 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है जबकि मंडी, शिमला और सोलन जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है।
रविवार को मानसून की रफ्तार कुछ धीमी रही और प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम साफ बना रहा। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। बीते 24 घण्टों के दौरान चम्बा जिला के जोत में सर्वाधिक 30 मिमी, शिमला के कुफरी में 20 मिमी और शिमला, चौपाल, कंडाघाट, पांवटा, सोलन और नारकंडा में 10 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई।
मानसून सीजन में अब तक बारिश जनित हादसों में 95 लोगों की मौत हो चुकी है, 33 लापता हैं और 175 घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा 21 मौतें मंडी में, कांगड़ा में 14, कुल्लू में 10, चंबा में 9 और हमीरपुर व बिलासपुर में 7-7 लोगों की मौत दर्ज की गई है। इस दौरान राज्य में 1007 मकान आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए, 185 दुकानें और 785 गौशालाएं तबाह हो चुकी हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 809 घर, 163 दुकानें और 638 गौशालाएं प्रभावित हुई हैं।
आपदाओं से पशुपालन और कृषि को भी नुकसान पहुंचा है। अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षियों और 953 अन्य पशुओं की मौत हो चुकी है। 20 जून से अब तक बादल फटने की 22, फ्लैश फ्लड की 31 और भूस्खलन की 18 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन आपदाओं से प्रदेश को अब तक करीब 751 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हो चुका है, जिसमें जल शक्ति विभाग को 408 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 327 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।