आ रहा है पितृ पक्ष, जरूर लगाएं ये पौधे, पितर रहेंगे प्रसन्न

पेड़
पेड़

पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज जो देवलोक गमन कर गए हैं, वो पृथ्वी लोक में पूरे 15 दिनों के लिए रहते हैं हमारे द्वारा दिया गया तर्पण और भोजन ग्रहण करते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं। आप भी चाहते हैं कि आप अपने पितरों का आशीर्वाद पाए उनकी कृपा हमेशा आपके परिवार पर बनी रहे तो पितृ पक्ष के दौरान वृक्षारोपण जरूर करें। पेड़ पौधे तो जीवित होते हैं इनमें प्राण होते हैं हमारे आसपास जितने पेड़ पौधे होंगे उतनी ही हरियाली रहेगी और सकारात्मक वातावरण होगा। शास्त्रों में सकारात्मक ऊर्जा देने वाले पेड़ों के बारे में बताया गया है। उन पर पितरों और आत्माओं का वास होता है इसलिए पितृपक्ष के दौरान शुभ पेड़ों को लगाने और उनकी पूजा-अर्चना करने के लिए कहा जाता है जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। धर्म-ज्योतिष पर अच्छी जानकारी रखने वालीं नम्रता पुरोहित द्वारा उन पेड़-पौधों के बारे में बताया गया है जिन्हें लगाने से पितरों का खास आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पीपल

पीपल
पीपल

विज्ञान ने पीपल को ऑक्सीजन देने वाला स्रोत माना है तो वहीं पितृपक्ष के समय पीपल के पेड़ में नियमित रूप से जल दिया जाता है और उसके नीचे दीपक जलाना शुभ माना गया है। इसके साथ ही इसी दौरान पीपल का पौधा भी रोपा जाता है। पीपल का वृक्ष लगाने से कुंडली में मौजूद गुरु चांडाल योग भंग हो जाता है।

वट वृक्ष या बरगद

कहा जाता है कि वट वृक्ष को तो माता सीता का भी आशीर्वाद मिला हुआ है। वट वृक्ष को आयु देने वाला, मोक्ष देने वाला पेड़ कहां गया है। यह भी माना जाता है कि पितरों को मुक्ति देने के लिए बरगद का पेड़ जरूर लगाना चाहिए और बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करें तो पितरों को मुक्ति जरूर मिलती है। वट वृक्ष की परिक्रमा करें पूर्वजों के लिए प्रार्थना करें तो जरूर फायदा होगा।

तुलसी

सनातन धर्म अति पूजनीय पौधा तुलसी, मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। विज्ञान भी तुलसी के विशेषताओं को मानता है जिस घर में तुलसी रहती है उस घर में हमेशा देवताओं का वास रहता है। सुख-शांति समृद्धि बनी रहती है और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। कहा जाता है कि तुलसी का एक पत्ता भी बैकुंठ धाम पहुंच सकता है। पितृपक्ष में तुलसी का पौधा जरूर लगाए उसकी देखभाल जरूर करें।

बेल का पेड़

भगवान शिव का प्रिय बेल जिसे पवित्र और गुणकारी माना गया है। बेल का पेड़ लगाने से अतृप्त आत्माओं को शांति मिलती है तो वहीं अमावस्या के दिन बेल पत्र और गंगाजल शिवजी पर अर्पण करने से सभी पितरों को मुक्ति मिलेगी। बेलपत्र पर चंदन का लेप लगाएं और शिवजी को चढ़ाएं तो पितरों के डरावने सपने नहीं आएंगे।

अशोक का पेड़

जिसके नाम में ही अशोक हो यानी ना दुख हो ना शोक हो वो अशोक वृक्ष है। कहा जाता है कि जिस घर के सामने अशोक का पेड़ होता है वहां कभी दुख नहीं होता है, इसलिए हमेशा घर के बाहर अशोक वृक्ष लगाना चाहिए नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश घर में कभी नहीं होता है। तभी तो हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यों में अशोक के पत्तों का उपयोग किया जाता है।

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