भारतीय शेयर बाज़ार, विशेष रूप से सेंसेक्स और निफ्टी, लगातार दूसरे कारोबारी दिन गिरावट के साथ बंद हुए। इस गिरावट का कारण अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25% अतिरिक्त टैरिफ़ हैं।
बाज़ार प्रदर्शन का विश्लेषण
समग्र गिरावट: सेंसेक्स 0.87% और निफ्टी 0.85% की गिरावट के साथ बंद हुआ।
दिन के दौरान उतार-चढ़ाव: बाज़ार की शुरुआत कमज़ोर रही, सुबह खरीदारी के कारण कुछ सुधार हुआ, लेकिन बाद में भारी बिकवाली के दबाव में आकर भारी गिरावट आई।
निवेशकों का नुकसान: इस गिरावट के परिणामस्वरूप निवेशकों की संपत्ति में लगभग ₹4.25 लाख करोड़ का नुकसान हुआ, और बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाज़ार पूंजीकरण ₹449.45 लाख करोड़ से घटकर ₹445.20 लाख करोड़ हो गया।
सबसे ज़्यादा बिकवाली: बैंकिंग, आईटी, एफएमसीजी, दूरसंचार और रियल्टी क्षेत्रों में सबसे ज़्यादा बिकवाली का दबाव देखा गया।
अन्य गिरावट वाले क्षेत्र: ऑटोमोबाइल, पूंजीगत वस्तुएँ, दवा, तेल एवं गैस, धातु, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम और तकनीकी सूचकांक भी लाल निशान में बंद हुए।
बढ़त वाला क्षेत्र: केवल उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र में ही खरीदारी देखी गई।
व्यापक बाजार: बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी क्रमशः 1.09% और 0.96% की उल्लेखनीय गिरावट आई, जो व्यापक आधार पर गिरावट को दर्शाता है।
शीर्ष लाभ और हानि वाले
शीर्ष 5 लाभकर्ता:
- टाइटन कंपनी (+1.22%)
- लार्सन एंड टुब्रो (+0.53%)
- कोल इंडिया (+0.50%)
- हीरो मोटोकॉर्प (+0.36%)
- एशियन पेंट्स (+0.31%)
- शीर्ष 5 हानि वाले:
- श्रीराम फाइनेंस (-3.88%)
- एचसीएल टेक्नोलॉजी (-2.88%)
- टीसीएस (-2.01%)
- पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन (-1.95%)
- इन्फोसिस (-1.93%)