विवाह पंजीकरण प्रक्रिया आसान होगी, जन्म पंजीकरण की अवधि बढ़ेगी

मुख्यमंत्री ने दी प्रस्तावों को स्वीकृति

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में विवाहों के पंजीकरण तथा जन्म रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रियाओं में सुधार कर इन्हें आसान बनाने का निर्णय लिया है। इससे राजस्थान में विवाह अधिनियम तथा जन्म पंजीकरण के नियमों की प्रभावी पालना सुनिश्चित की जा सकेगी।

गहलोत ने इसके लिए राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2009 और राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2000 में आवश्यक संशोधन करने के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है।

आयोजना एवं सांख्यिकी विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2009 में प्रस्तावित संशोधन कर राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों में जिला विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के साथ-साथ आवश्यकतानुसार अतिरिक्त जिला विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और ब्लॉक विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही, इस अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण की आयु और रजिस्ट्रीकरण के लिए ज्ञापन की विधि आदि से संबंधित संशोधन कर रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।

विवाह पंजीकरण प्रक्रिया आसान होगी, जन्म पंजीकरण की अवधि बढ़ेगी

इसी प्रकार, राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2000 में संशोधन के लिए आयोजना एवं सांख्यिकी विभाग के एक अन्य प्रस्ताव के अनुसार, बालक या बालिका के जन्म रजिस्ट्रीकरण को 15 वर्ष से अधिक हो जाने की स्थिति में भी रजिस्ट्रीकरण के नये नियमों के लागू होने के 5 वर्ष बाद तक नाम दर्ज करवाए जा सकेंगे। जन्म रजिस्ट्रीकरण को 15 वर्ष से अधिक हो जाने पर नाम दर्ज करवाने के लिए 5 रूपये विलम्ब शुल्क देय होगा।