विनेश फोगाट ने कहा-टोक्यो ओलिंपिक में मेरी कोरोना टेस्टि नहीं हुई थी, इसलिए साथियों को बचाने के लिए मैं उनसे दूर रही

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट टोक्यो ओलिंपिक शुरू होने से पहले गोल्ड मेडल की दावेदार थीं। लेकिन, उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है और वे ब्रॉन्ज भी नहीं जीत सकीं। उनकी परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई।

भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) ने अनुशासनहीनता की वजह से विनेश को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया और 16 अगस्त तक अपना पक्ष रखने का समया दिया है। विनेश के साथ-साथ एक अन्य महिला पहलवान सोनम मलिक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विनेश ने अब इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए विनेश ने कहा है कि एक मेडल हारते ही लोगों ने उन्हें बेजान समझ लिया। विनेश ने कहा कि उनके दिमाग में फिलहाल दो तरीके के ख्याल चल रहे हैं। एक ख्याल कहता है कि उन्हें अब कुश्ती से दूर हो जाना चाहिए तो वहीं दूसरा ख्याल कहता है कि बिना लड़े दूर होना उनकी सबसे बड़ी हार होगी। उन्होंने आगे कहा, ऐसा लग रहा है कि मैं सपने में हूं। पिछले एक हफ्ते से मेरे अंदर काफी कुछ चल रहा है। मैं एकदम खाली महसूस कर रही हूं।

विनेश फोगाट ने कहा-टोक्यो ओलिंपिक में मेरी कोरोना टेस्टि नहीं हुई थी, इसलिए साथियों को बचाने के लिए मैं उनसे दूर रही

विनेश ने डब्ल्यूएफआई के आरोपों पर भी पलटवार किया। संघ ने कहा था कि विनेश ने अपने साथी पहलवानों के साथ रहने और ट्रेनिंग करने से इनकार किया था। इसपर फोगाट ने कहा, भारतीय खिलाडयि़ों की लगातार टेस्टिंग हो रही थी और मेरी टेस्टिंग नहीं हुई थी। मैं केवल उन्हें सुरक्षित रखना चाहती थी। बाद में मैंने सीमा के साथ ट्रेनिंग भी की थी, ऐसे में उन्होंने कैसे आरोप लगा दिया कि मैं टीम के साथ नहीं रहना चाहती थी।

यह भी पढ़ें-2012 में भारत को अंडर 19 वर्ल्ड कप खिताब दिलाने वाले उन्मुक्त चंद ने भारतीय क्रिकेट से लिया सन्यास