ऐश गार्ड मतलब सफेद पेठा, जिससे बनने वाली मिठाई पेठा बहुत ही स्वदिष्ट होने के साथ-साथ हेल्थ के लिए पौष्टिक भी होती है। इसे सफेद कद्दू के नाम से भी जाना जाता है। इसके सफेद रंग की वजह से इसे ऐश गार्ड और वैक्स गार्ड नाम मिला है। इसका स्वाद खीरे जैसा ही सादा होता है। यह सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है। खासकर बच्चों के लिए ज्यादा गुणकारी है, इसलिए इसे अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।गर्मियों में खाई जाने वाली सब्जियों में पेठा भी शामिल है। इसकी सब्जी बहुत ही फायदेमंद होती है। इसकी तासीर ठंडी होती है, जिसके बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। साथ ही इसके जूस से बॉडी डिटॉक्स भी होती है। इतना ही नहीं ऐश गार्ड का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा में दवाईयां बनाने में किया जाता है। ऐसे में ऐश आज हम आपको बताएंगे गार्ड जूस से होने वाले फायदों के बारे म
बॉडी डिटॉक्स होती है
ऐश गार्ड में 95 प्रतिशत पानी होता है, जिससे हमारी बॉडी को डिटॉक्सिफाई होने में मदद मिलती है। साथ ही भरपूर मात्रा में फाइबर युक्त होने की वजह से यह पाइल्स जैसी बीमारी में लाभदायक होता है। इसमें कैलोरी बहुत ही कम होता है, जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।
खून की कमी दूर होती है
रेड ब्लड सेल्स को बढ़ावा देने वाला ऐश गार्ड जूस हमारे शरीर में खून की कभी कमी नहीं होने देता। रोजाना इसके जूस का सेवन करने से शरीर में कभी भी आयरन की कमी नहीं होती है।
शरीर को ठंडा रखने में मदद करे
रोजाना ऐश गार्ड जूस पीने से हमें बहुत सारे फायदे मिलते हैं। साथ ही इसकी तासीर ठंडी होती है और इसमें मौजूद पर्याप्त मात्रा में पानी से हमारा शरीर अंदर से ठंडा रहता है।
एसिडिटी से छुटकारा दिलाए
नियमित रूप से ऐश गार्ड जूस पीने से एसिडिटी की समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने में भी मदद मिलती है।
ऐश गार्ड जूस बनाने की विधि
इसे बनाने के लिए सबसे पहले सफेद पेठा को छील लें और फिर इसमें से बीज निकालकर छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और फिर इसे जूसर या ब्लेंड में डालें और तब तक ब्लेंड करें, जब तक की इसका एकदम स्मूद पेस्ट न बन जाए। स्मूद पेस्ट तैयार होने पर इसे साफ सूती कपड़े से छानकर सादा ही पी जाएं। ये बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमें कभी भी स्वाद के लिए शुगर नहीं मिलाना चाहिए। हां, स्वाद के लिए इसमें नमक, नींबू या नारियल पानी डाल सकते हैं। एक बात जरूर ध्यान रखें कि इसे सादा पीना ही ज्यादा इफेक्टिव होता है।
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