बहुत कम लोगों को मालूम है कि गेहूं के आटे के अलावा भी कई आटे के विकल्प मौजूद हैं। ये आटे भी न सिर्फ स्वाद में अनोखे हैं, बल्कि पोषण के मामले में भी गेहूं को टक्कर देते हैं। ये केवल साधारण आटे नहीं हैं, बल्कि पोषक तत्वों, उच्च फाइबर और आवश्यक खनिजों का भंडार हैं। इन्हें अपनी डाइट में शामिल करने से न केवल आपके पाचन तंत्र में सुधार होता है, बल्कि ये हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को नियंत्रित करने में भी अद्भुत भूमिका निभाते हैं। सर्दियां आने वाली हैं इसलिए गेहूं छोड़ें, ये आटे बनाएं आपको सेहतमंद
रागी का आटा
रागी का आटा, जिसे फिंगर मिलेट भी कहते हैं, कैल्शियम, आयरन और फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत है। यह हड्डियों को मजबूत करता है और एनीमिया को रोकने में मदद करता है। रागी में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है। रागी की रोटी, डोसा बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा और इम्यूनिटी के लिए भी लाभकारी हैं।
बाजरा का आटा
बाजरा का आटा, विशेष रूप से सर्दियों में, शरीर को गर्माहट और ऊर्जा प्रदान करता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है, जो हृदय स्वास्थ्य और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। बाजरे की रोटी, जिसे ‘बाजरे का भाकरी’ भी कहते हैं, ग्रामीण भारत में लोकप्रिय है। बाजरा का आटा ग्लूटेन-मुक्त होता है, जिससे सीलिएक रोगियों के लिए यह सुरक्षित विकल्प है।
ज्वार का आटा
ज्वार का आटा फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है। ज्वार की रोटी, जिसे ‘ज्वार भाकरी’ कहते हैं। ज्वार का आटा भी ग्लूटेन-मुक्त होता है, यही वजह है कि एलर्जी से पीडि़त लोगों के लिए ये उपयुक्त आटा माना जाता है। यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में भी मदद करता है।
मक्के का आटा
मक्का का आटा, जिसे मकई का आटा भी कहते हैं, विटामिन ए, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। यह ऊर्जा प्रदान करता है और आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। मक्के की रोटी, जिसे मकई की रोटी के नाम से जाना जाता है, सर्दियों में सरसों के साग के साथ खूब पसंद की जाती है। यह ग्लूटेन-मुक्त होने के साथ-साथ पाचन के लिए हल्का है।
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