जयपुर। रामगंज क्षेत्र में दूषित पानी की शिकायत पर पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ अपने फर्ज का निर्वहन करते हुए जलदाय विभाग के तकनीकी और संविदा कर्मिर्यो ने बुधवार को सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता की देखरेख में फॉल्ट रिपेयर कर स्थानीय लोगों को राहत प्रदान की।
प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतीपूर्ण एवं विषम परिस्थितियों में जलदाय विभाग के ‘कोरोना वारियर्स‘ भी लोगों को राहत प्रदान करने के लिए कर्तव्य के मोर्चे पर डटे हुए हैं।
रामगंज क्षेत्र में दूषित पानी की शिकायत पर
आवश्यक सुरक्षा उपायों को अपनाया
अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री देवराज सोलंकी ने बताया कि रामगंज में पानों का दरीबा क्षेत्र में लीकेज की शिकायत पर लोकेशन का पता लगाने के बाद जलदाय विभाग के तकनीकी और संविदा कर्मिर्यों की टीम ने बुधवार को मरम्मत कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया।
कार्मिकों ने इस टीम ने पीपीई किट और स्प्रेगन सहित आवश्यक सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए लीकेज को ट्रेस किया, फिर उस स्थान को सेनिटाईज करने के बाद रिपेयर सम्बंधी कार्य को पूरी शिद्दत और सावधानी के साथ पूरा किया। कार्मिकों ने जहां लीकेज ठीक करने का काम किया, उसके आस-पास कई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित मिले हैं।
रामगंज में फॉल्ट रिपेयर कर स्थानीय लोगों को राहत प्रदान की
परकोटा क्षेत्र में प्रतिदिन दे रहे ड्यूटी
उन्होंने बताया कि जयपुर के परकोटा क्षेत्र में कर्फ्यू के बीच करीब दर्जनभर तकनीकी कर्मचारिर्यों की टीम पेयजल व्यवस्था की देखरेख के लिए अधिकारियों के निर्देशन में लगातार कार्य कर रही है। ये कर्मचारी प्रतिदिन वाल्व आपरेट करने, सप्लाई चालू करने और क्लोरिन की जांच के साथ ही लीकेज जैसी शिकायतों के निदान के लिए अपनी ड्यूटी दे रहे हैं।
घर नहीं जाते, वहीं करते है कैम्प
अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने बताया कि विभाग के ये कोरोना वारियर्स घर नहीं जा रहे हैं वे परकोटा क्षेत्र में ही विभाग के कार्यालय एवं पम्प हाऊस में कैम्प करते हुए अपनी सेवाएं दे रहे है। विभाग की ओर से जयपुर के परकोटा क्षेत्र में मिस्त्री खाना और ब्रह्मपुरी के पम्प हाऊस पर इन कार्मिकों के लिए रहने और खाने पीने की व्यवस्थाए की गई है।
साथ ही इनको पीपीई किट, सैनेटाईजर और स्प्रेगन सहित संक्रमण से बचाव के आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। फील्ड में काम करने वाले इन कर्मचारिर्यों के स्वास्थ्य को लेकर भी अधिकारी पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।