लेहरो देवी ने शिल्‍प को जीवन समर्पित कर खुद को बनाया आत्मनिर्भर

शिल्पकार लेहरो देवी ने जब तीन लड़कियों को जन्‍म दिया था तब बेटा को जन्म न दे पाने के सामाजिक दबाव ने उन्‍हें अछूत बना दिया था। उन्‍होंने अपने पति और परिवार की खुशी के लिए दूसरी शादी करने की अनुमति दे दी। दूसरी पत्‍नी ने दो बेटों को जन्‍म दिया। आज लेहरो देवी अपने पति, उनकी दूसरी पत्‍नी और पांच बच्‍चों (तीन लड़कियां और दो लड़के) के साथ एक ही घर में रहती हैं। पति के रिटायरमेंट के बाद अपने परिवार को पालना लेहरो देवी के लिए बेहद कठिन था।

Lehro devi
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अपने परिवार की जिम्‍मेदारी उठाने के लिए लेहरो ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्‍थान (जीवीसीएस) के साथ जुड़ गयीं और इस काम में उनकी बेटियों ने भी उनका साथ दिया। उन्हें शुरुआत में कच्‍चे माल के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ती थी और सभी महिलाओं तक उत्‍पादों को पहुंचाने में बहुत कठनाई होती थी। लेकिन लेहरो देवी ने जीवीसीएस की मदद से सफलता के रास्‍ते में आने वाली तमाम बाधाओं को पार करते हुए लक्ष्य हासिल किया और कई अन्य महिलाओं को प्रेरित किया। स्किल ट्रेनिंग प्राप्‍त करने के बाद लेहरो एक शिल्‍पकार से एक मास्‍टर प्रशिक्षक बन गईं और आज जयपुर में जीवीसीएस क्राफ्ट सेंटर की प्रमुख हैं।

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जीवीसीएस को सहयोग देने वाले संस्‍थान एडेलगिव फाउंडेशन की मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी नगमा मुल्‍ला ने कहा, “लेहरो देवी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्‍चय का एक प्रतीक हैं। उन्होंने संगठन में अपने लिए एक खास स्‍थान बनाते हुए अपने जीवन का एक दशक शिल्‍प को समर्पित किया है और कई अन्य महिलाओं आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। वह आज हजारों महिलाओं का मार्गदर्शन कर उन्‍हें बेहतर और आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही हैं। उनके काम एवं समर्पण ने मुझे प्रोत्साहित किया है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले वर्षों में लेहरो कामयाबी की नई ऊंचाइयों को छुएंगी।”

 

शिल्‍प को अपने जीवन के 10 वर्ष समर्पित किए और हजारों महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनने की दिशा में मार्गदर्शन करने वाले संगठन में खुद के लिए एक खास स्‍थान बनाया है। इसके साथ ही लेहरो विभिन्न प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए पूरे भारत में यात्राएं करती हैं और पारंपरिक शिल्प से लोगों को रूबरू करातीं हैं। लेहरो देवी ने कला की मदद से अपनी आजीविका और जीवनशैली को बेहतर बनाया। इसके साथ ही बाड़मेर की सुप्रसिद्ध पारंपरिक हस्तशिल्प कारीगर रूमा देवी के साथ कई फैशन शो और प्रदर्शनियों में साथ रहकर अपने व्‍यक्तित्‍व को भी निखारा है।

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