सुबह का अलार्म बन सकता है हार्ट अटैक की वजह? जानें पूरा सच

सुबह का अलार्म बन सकता है हार्ट अटैक की वजह? जानें पूरा सच
image sourace : w

हर सुबह अलार्म की तेज़ आवाज़ से चौंककर उठते हैं? सावधान! यह आदत आपके दिल पर भारी पड़ सकती है। अचानक उठने से ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक और हाई बीपी का खतरा बढ़ता है। जानें, अलार्म कैसे करता है नुकसान और किन आदतों से आप रह सकते हैं सुरक्षित।

  • तेज़ अलार्म = हार्ट पर खतरा: अचानक झटका दिल को पहुंचा सकता है नुकसान

  • नींद में खलल से बढ़ता है रिस्क: स्लीप साइकिल टूटने से हार्ट डिजीज की आशंका

  • तनाव और थकावट: अलार्म से जागने की आदत बढ़ा सकती है हाई बीपी और थकान

नई दिल्ली | हेल्थ डेस्क:
हर सुबह अलार्म की तेज़ आवाज़ से चौंककर उठते हैं? अगर हां, तो ये आदत सिर्फ आपकी नींद ही नहीं, बल्कि आपके दिल की सेहत पर भी असर डाल रही है।

जी हां, अचानक बजने वाला अलार्म हार्ट को झटका दे सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ता है और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा रोज़ाना होने पर यह दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।

🚨 फ्लाइट-फाइट मोड में चला जाता है शरीर

नींद के दौरान हमारा शरीर रिलैक्स मोड में होता है। लेकिन जब अलार्म की तेज़ आवाज कानों में पड़ती है, तो दिमाग उसे खतरे की घंटी मानता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन—एड्रेनालिन और कॉर्टिसोल—तेजी से रिलीज़ होते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर अचानक दबाव आता है।

💤 स्लीप साइकिल में खलल डालता है अलार्म

नींद की प्रक्रिया में REM और डीप स्लीप अहम रोल निभाते हैं। अगर अलार्म इन स्टेजेस के दौरान बजता है, तो नींद अधूरी रह जाती है। इससे शरीर को पूरा आराम नहीं मिलता और लंबे समय में हार्ट डिजीज और हाई बीपी का रिस्क बढ़ जाता है।

सुबह का अलार्म बन सकता है हार्ट अटैक की वजह? जानें पूरा सच
image sourace : idi

यह भी पढ़ें : नवरात्र के 9 रूपों की पूजा क्यों होती है? जानिए असली महत्व और संदेश

😣 तनाव, चिड़चिड़ापन और थकान भी बड़ा खतरा

बार-बार अलार्म की झटकों से जागने से दिमाग पर भी दबाव पड़ता है, जिससे आप सुबह-सुबह थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करते हैं। नींद की कमी और लगातार तनाव, मिलकर दिल की सेहत को बिगाड़ सकते हैं।

कैसे बचें अलार्म के नुकसान से?

  • 🔉 माइल्ड टोन अलार्म: धीमी और सुरीली ध्वनि वाले अलार्म का इस्तेमाल करें

  • 🕗 फिक्स्ड स्लीप रूटीन: रोज़ाना एक ही समय पर सोने-उठने की आदत बनाएं

  • 😴 पूरी नींद लें: कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें ताकि अलार्म की जरूरत कम हो जाए

📌 निष्कर्ष:

अलार्म हमारी लाइफस्टाइल का हिस्सा जरूर बन चुका है, लेकिन इसे इस्तेमाल करने का तरीका सही न हो, तो यह आपके दिल की सेहत पर भारी पड़ सकता है। थोड़ा ध्यान दें, नींद को प्राथमिकता दें और दिल को रखें हेल्दी।