आज के समय में मोबाइल फोन हमारी जरूरत बन गया है। मोबाइल फोन से हमें कई तरह के फायदे होते हैं लेकिन इससे होने वाले नुकसान को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन हमारे शरीर के लिए घातक होता है। रोज 50 मिनट तक लगातार मोबाइल का इस्तेमाल ब्रेन की सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है। अक्सर देखा जाता है कि खबरें आती रहती हैं कि मोबाइल फोन के रेडिएशन के कारण ब्रेन ट्यूमर या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। वहीं, एक्सपट्र्स का मानना है कि आज तक यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि किसी व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर या कैंसर की बीमारी मोबाइल रेडिएशन के चलते हुई हो। साथ ही एक्सपट्र्स का यह भी मानना है कि अधिक रेडिएशन छोडऩे वाले फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जो हमें खतरनाक रेडिएशन से बचा सकें।
मिथ-मोबाइल फोन बढ़ा रहे हैं ब्रेन ट्यूमर का खतरा
मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल को कई प्रकार की बीमारियों को बढ़ाने वाला माना जाता है। अक्सर लोग तर्क देते हैं कि मोबाइल फोन से ब्रेन ट्यूमर की आशंका भी बढ़ जाती है, हालांकि नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो इसकी पुष्टि करता हो। लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव जरूर पड़ सकता है, पर इससे ब्रेन ट्यूमर होने का जोखिम नहीं होता है।
मिथ- माता-पिता में से किसी को रहा है ब्रेन ट्यूमर तो बच्चों को भी खतरा
डायबिटीज और हृदय रोग जैसी समस्याओं की तरह ही अक्सर ब्रेन ट्यूमर के भी आनुवांशिक जोखिमों को लेकर आशंका जताई जाती रही है। हालांकि इसको भी प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कई प्रकार के पर्यावरणीय या जीवनशैली के कारक ब्रेन ट्यूमर के मुख्य कारण हैं। यह माता-पिता से बच्चों में पास होता हो इसके सबूत बहुत कम या न के बराबर हैं।
मिथ- 60 से ऊपर के लोगों को ही होता है ब्रेन ट्यूमर
अगर आपको लगता है कि ब्रेन ट्यूमर की समस्या सिर्फ उम्रदराज लोगों को होती है तो यह गलत जानकारी आपको भ्रमित कर सकती है। ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकती है। निदान किए गए सभी ब्रेन ट्यूमर के मामलों में से लगभग 3.9 प्रतिशत मामले 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों में होते हैं। इसलिए सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को समझना और जल्द से जल्द इलाज प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
मिथ- ब्रेन ट्यूमर का मतलब आपको हो गया है कैंसर
ज्यादातर लोगों का मानना है कि ब्रेन ट्यूमर, कैंसरकारक होते हैं, पर यह पूरा सच नहीं है। ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त और गैर-कैंसरयुक्त दोनों प्रकार के हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, केवल एक-तिहाई ब्रेन ट्यूमर ही कैंसर का रूप लेते हैं। यदि समय पर निदान हो जाए, तो उचित उपचार से ब्रेन ट्यूमर का इलाज किया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि अगर आपमें इससे संबंधित लक्षण दिख रहे हैं तो समय पर इसकी पहचान कर इलाज के लिए डॉक्टर से मिलें।
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