आ गया है मानसून सीजन, ये उपाय बंद नहीं होने देंगे बार-बार नाक बंद

नाक बंद
नाक बंद

विंटर के मौसम में नाक बंद होने की समस्?या काफी कॉमन है। खासतौर पर जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है या जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर रहती है। उन्हें बदलते मौसम में नाक बंद होने की समस्या काफी परेशान करती है। ऐसे में अक्सर लोग नोजल ड्रॉप का इस्तेमाल करते हैं या दवाओं का सहारा लेते हैं. स्टाइलके्रज के मुताबिक, इन दवाओं का अधिक इस्तेमाल सेहत के लिए और भी नुकसानदायक हो सकता है। बेहतर होगा कि आप कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से पहले इन्हें ठीक करने की कोशिश करें जो अधिक असरदार भी होते हैं और इनसे सेहत को किसी तरह का नुकसान भी नहीं होता है।

अजवाइन के बीज

अजवाइन के बीज
अजवाइन के बीज

अजवाइन का इस्तेमाल सालों से पारंपरिक चिकित्सा में होता आ रहा है। इसमें मौजूद औषधीय गुण सदियों से भारतीय घरों में उपचार के काम आती रही हैं। वहीं, जानकारों की मानें को अजवाइन में थाइमोल जैसे आवश्यक तेल होते हैं, जिनमें एंटीमाइक्रोबियल और सूजन-रोधी गुण होते हैं। ये नाक की नली में कीटाणुओं को मारने और साइनस पर दबाव कम करने, खांसी को रोकने और ऑक्सीजन को पास करने में सुधार करने में मदद करते हैं। इसलिए, पोल्टिस बैग में भुने हुए अजवाइन का इस्तेमाल करने से साइनस की परेशानी से राहत मिल सकती है।

  • मध्यम आंच पर एक पैन गरम करें और उसमें मु_ी भर अजवाइन डालें।
  • बीजों को तब तक भूनें जब तक उनका रंग थोड़ा गहरा न हो जाए और उनमें अच्छी सुगंध न आने लगे।
  • भुने हुए बीजों को एक साफ कपड़े या पोल्टिस बैग में रखें और ठीक तरह से बांध दें।
  • पोल्टिस बैग को अपनी नाक के पास रखें और उसकी खुशबू को अंदर लें। गहरी सांस लें ताकि
  • अजवाइन की सुगंध आपके नासिका मार्ग तक पहुंच सके।

नीलगिरी का तेल

नीलगिरी का तेल
नीलगिरी का तेल

बंद नाक को ठीक करने के लिए भाप लेना एक सरल और प्रभावी उपाय है। इस भाप में यूकेलिप्टस तेल की कुछ बूंदें मिलाने से इसके फायदे बढ़ सकते हैं। नीलगिरी के तेल में यूकेलिप्टोल नाम का एक कंपाउंड होता है, जिसमें डिकॉन्गेस्टेंट गुण होते हैं और यह बलगम को तोडऩे में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा यह खांसी से राहत दिलाने, आसानी से सांस लेने, साइनस ग्लैंड में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह छाती को साफ करने और नाक और छाती में जमे बैक्टीरिया को मारने में भी मददगार है। इसके अलावा, नीलगिरी का तेल अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए भी सबसे अच्छा घरेलू उपचार है।

  • एक बर्तन में पानी उबालें और उसे एक बड़े कटोरे में डालें।
  • गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें मिलाएं। 3-5 बूंदों से शुरू करें और अपने अनुसार इसे मिलाएं।
  • अपने चेहरे को तौलिए से ढकें और भाप को अपने अंदर लें।
  • आंखें बंद करें और नाक से गहरी सांस लें और अपने मुंह से सांस छोड़ें। इसे लगभग 5-10 मिनट तक जारी रखें।

अदरक और पुदीने की चाय

अदरक और पुदीना अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं। यह साइनस और नाक बंद होने की समस्या से राहत दिलाने में भी फायदेमंद हो सकते हैं। अदरक में जिंजरोल्स नाम का एक कंपाउंड होता है, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं, जबकि पुदीने का प्रभाव ठंडा होता है और यह बंद नाक को खोलने में मदद कर सकता है।

  • ताजे अदरक की जड़ का एक छोटा टुकड़ा लें और उसे छीलकर कद्दूकस कर लें।
  • एक कप पानी उबालें और इसमें कसा हुआ अदरक डालें।
  • स्वाद बढ़ाने के लिए इसे 5-10 मिनट तक उबलने दें।
  • आंच से उतारें, चाय को छान लें और कुछ ताज़ी पुदीने की पत्तियां मिलाएं।
  • चाय को थोड़ा ठंडा होने दें, लेकिन ध्यान रखें कि पीने के लिए हल्का गर्म हो।

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