सेंधा नमक बनाम सफेद नमक: सेहत का असली खिलाड़ी कौन? सच्चाई जान चौंक जाएंगे!

सेंधा नमक बनाम सफेद नमक: सेहत का असली खिलाड़ी कौन? सच्चाई जान चौंक जाएंगे!
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🪨 उपवास में क्यों लिया जाता है सेंधा नमक? क्या यह सफेद नमक से वाकई ज़्यादा फायदेमंद है या बस परंपरा की बात है? जानिए दोनों नमक के पीछे छिपे वैज्ञानिक तथ्य और सेहत पर पड़ने वाले असर। सेहत को लेकर कोई कन्फ्यूजन न रहे, पढ़िए ये जरूरी जानकारी। 

  • सेंधा नमक में खनिज तत्व ज़्यादा होते हैं, और सोडियम कम, जो दिल के मरीजों के लिए बेहतर विकल्प बनाता है।

  • सफेद नमक में आयोडीन होता है, जो थायराइड और दिमागी विकास के लिए जरूरी है।

  • दोनों नमकों के बीच संतुलन बनाना है ज़रूरी, न ज़्यादा सेंधा, न ज़्यादा टेबल सॉल्ट।

सिर्फ परंपरा नहीं, सेहत से भी जुड़ी है सेंधा नमक की कहानी
जब भी व्रत या नवरात्रि आते हैं, हम बिना सोचे-समझे सेंधा नमक का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस नमक को व्रत में ही क्यों खाया जाता है? इसकी वजह सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि इसके पीछे सेहत से जुड़े ठोस कारण भी हैं।

क्यों सेंधा नमक को कहा जाता है “पिंक सॉल्ट”
सेंधा नमक दरअसल पहाड़ों की खदानों से निकाला जाता है और बिल्कुल नेचुरल फॉर्म में होता है। इसमें किसी तरह की प्रोसेसिंग नहीं होती, इसलिए इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे 80 से ज्यादा ट्रेस मिनरल्स मौजूद रहते हैं। यही वजह है कि इसका रंग हल्का गुलाबी होता है और इसे “पिंक सॉल्ट” कहा जाता है।

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सेहत के लिए क्या वाकई बेहतर है सेंधा नमक?
अगर बात दिल और हाई ब्लड प्रेशर की हो, तो सेंधा नमक सफेद नमक से बेहतर ऑप्शन माना जाता है। इसमें सोडियम की मात्रा कम होती है, जो बीपी को कंट्रोल करने में मददगार हो सकती है। साथ ही यह पाचन तंत्र को भी बेहतर करता है, जिससे गैस और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

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सफेद नमक का रोल भी उतना ही जरूरी है
हालांकि सेंधा नमक में मिनरल्स भले ही ज़्यादा हों, लेकिन इसमें एक बड़ी कमी है – आयोडीन की। सफेद नमक में आयोडीन मिलाया जाता है, जो थायराइड ग्रंथि के सही काम करने और दिमागी विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। अगर आप सिर्फ सेंधा नमक खाते हैं तो आयोडीन की कमी का खतरा बढ़ सकता है।

कैसे करें दोनों नमकों का सही इस्तेमाल?
डॉक्टर्स और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स की मानें तो सबसे बेहतर तरीका है संतुलन बनाना। यानी रोजाना के भोजन में आयोडीन युक्त सफेद नमक लें, ताकि शरीर को ज़रूरी पोषण मिलता रहे। वहीं, उपवास या व्रत के दिनों में सेंधा नमक का प्रयोग करें। इस तरह दोनों के फायदे मिलते हैं और नुकसान से भी बचा जा सकता है।

ज्यादा नमक चाहे जो भी हो, है सेहत के लिए हानिकारक
सेंधा हो या टेबल सॉल्ट, अगर इनका इस्तेमाल लिमिट से ज्यादा किया जाए तो ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और किडनी की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सबसे जरूरी बात ये है कि नमक का सेवन सीमित मात्रा में और संतुलित तरीके से करें।