देशभर में मानसून ने दस्तक दे दी है। कभी बारिश और कभी तेज धूप के कारण गर्मी, उमस और तापमान में लगातार बदलाव हो रहा है। इस कारण कई बीमारियों का खतरा भी शुरू हो गया है। हेल्थ एक्सपर्ट हर किसी को इस मौसम में सेहत का खास ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकती है। हालांकि, दो बीमारियां ज्यादा खतरनाक होती हैं। इनके केस भी ज्यादा आते हैं। खराब खानपान से होने वाली बीमारियां। मच्छरों से होने वाली बीमारियां। ये दोनों ही मामले परेशानी बढ़ाने वाले हैं। इन बीमारियों से हर किसी को बचकर रहने की जरूरत है।
वेक्टर बोर्न डिजीज
ऐसी बीमारियां जो मच्छरों, टिक्स, मक्खियों और पिस्सू आदि के काटने से फैलती हैं, उन्हें वेक्टर बोर्न डिजीज यानी वेक्टर जनित रोग कहा जाता है। यह वेक्टर अपने साथ बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट जैसे पेथोजन कैरी करते हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति बीमारियों की चपेट में आता है। इन बीमारियों के सामान्य उदाहरणों में मलेरिया, डेंगू, जीका वायरस, लाइम रोग और चिकनगुनिया आदि शामिल है।
वेक्टर बोर्न डिजीज के लक्षण
- इस तरह की बीमारियों में तेज बुखार होता है।
- इसके अलावा पीडि़त व्यक्ति को शरीर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत भी रहती है।
- कुछ बीमारियों के कारण त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं।
- बार बार सिर दर्द होना भी वेक्टर बोर्न डिजीज का एक सामान्य लक्षण है।
- थकान या कमजोरी महसूस होना भी वेक्टर बोर्न डिजीज का एक लक्षण है।
- इसके अलावा कुछ मामलों में पीडि़त व्यक्ति को मतली और उल्टी जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण हो सकते हैं।
- वेक्टर जनित कुछ बीमारियों में लिंफ नोड्स में सूजन भी हो सकती हैं।
- इसके अलावा कुछ मामलों में खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसे सांस संबंधी लक्षण भी नजर आ सकते हैं।
वॉटर बोर्न डिजीज
जल जनित रोग यानी वॉटर बोर्न डिजीज बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स जैसे माइक्रोऑर्गेनिज्म द्वारा दूषित किए गए पानी के संपर्क या सेवन से होती है। यह बीमारियां दूषित पानी पीने, दूषित पानी में तैरने या दूषित पानी से धोए गए भोजन को खाने से व्यक्ति को अपना शिकार बना लेती है। वॉटर बोर्न डिजीज के उदाहरणों में हैजा, टाइफाइड, जिआर्डियासिस और हेपेटाइटिस ए आदि शामिल हैं।
वॉटर बोर्न डिजीज के लक्षण और संकेत
- जल जनित रोग अक्सर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली को प्रभावित करते हैं। इसकी वजह से दस्त, पेट में दर्द, ऐंठन और मतली की समस्या होती है।
- कुछ वॉटर बोर्न डिजीज की वजह से दस्त के साथ ही उल्टी भी हो सकती है।
- जल जनित रोग जैसे हेपेटाइटिस के मामलों में शरीर में दर्द के साथ बुखार की समस्या हो सकती है।
इसके अलावा मतली, उल्टी, भूख की कमी के साथ त्वचा, आंखों और यूरिन में पीलापन नजर आ सकता है। - वहीं, टाइफाइड में सिर्फ बुखार और सिर दर्द के लक्षण नजर आते हैं।
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