जानलेवा हो सकता है सिरदर्द, ये गलती बिल्कुल ना करें अन्यथा…

सिरदर्द
सिरदर्द

इंग्लैंड के गेट्सहेड में 21 साल की जेसिका केन को अचानक सिरदर्द हुआ है, वह पेनकिलर खाकर सोई और उसकी मौत हो गई। दरअसल, जेसिका को मेनिंगोकॉकल मेनिनजाइटिस और सेप्टिकैमिया नाम की बीमारी हो गई थी जिसने उसकी जान ले ली। दरअसल, ये एक ऐसा इंफेक्शन है जिसमें बैक्टीरिया खून में प्रवेश करता है और बड़ी तेजी से फैलने लगता है। यह बैक्टीरिया खून में टॉक्सिन्स रिलीज करने लगता है जो जानलेवा साबित हो सकता है।हम में से बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने सिरदर्द, बहती नाक, छींक आना, हल्का बुखार जैसी दिक्कतों को हल्के में लेते हैं और उसके इलाज के बारे में भी नहीं सोचते। लेकिन ये लक्षण किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या की ओर भी इशारा करते हैं जिस पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह आपके लिए बेहद हानिकारक और जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं आखिर क्यों आपको सिरदर्द को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। सिरदर्द भी कुछ गंभीर बीमारियों के संकेत हो सकता है।

माइग्रेनस इंफाक्र्शन की स्थिति

सिरदर्द
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माइग्रेनस इंफाक्र्शन को माइग्रेन स्ट्रोक भी कहा जाता है, यह एक दुर्लभ जटिलता है जो ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है। जब आपको माइग्रेन सिरदर्द के साथ इस्केमिक स्ट्रोक हो जाता है तो इसे माइग्रेनस स्ट्रोक कहा जाता है। इस्केमिक स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। माइग्रेनस स्ट्रोक अचानक आ सकता है और यह एक आपात स्थिति है। इसलिए अगर आपको अक्सर माइग्रेन की समस्या बनी रहती है तो अपने स्ट्रोक के जोखिमों को कम करने के उपाय करें। स्ट्रोक को जानलेवा समस्या माना जाता है।

माइग्रेन के कारण मिर्गी की समस्या

सिरदर्द
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माइग्रेन के कारण मिर्गी की समस्या भी हो सकती है, हालांकि ये दुर्लभ है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि माइग्रेन की गंभीर स्थिति मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे यह मिर्गी का जोखिम बन सकता है। एक और संभावना यह है कि माइग्रेन, मिर्गी के दौरे को ट्रिगर करता है, इसके कारण भी जोखिम हो सकता है। जिन लोगों को मिर्गी जैसी समस्या है उन्हें माइग्रेन से बचाव करना बहुत आवश्यक है।

मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं

जिन लोगों को माइग्रेन होता है उनमें दूसरों की तुलना में स्ट्रेस और डिप्रेशन होने की आशंका अधिक होती है। कई बार अवसाद या चिंता के कारण भी माइग्रेन हो सकता है। इसके अलावा माइग्रेन का दर्द और बेचैनी आपकी नींद से संबंधित समस्याओं को भी बढ़ा देती है। अनिद्रा का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जिन्हें गंभीर माइग्रेन और बार-बार इसका अटैक होता रहता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि आपकी नींद अक्सर पूरी नहीं होती है तो ये भी डिप्रेशन का एक कारण हो सकता है।

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