क्या सिर्फ उम्र है वजह? महिलाओं को अल्जाइमर ज्यादा क्यों होता है, जानिए डॉक्टर से

क्या सिर्फ उम्र है वजह? महिलाओं को अल्जाइमर ज्यादा क्यों होता है, जानिए डॉक्टर से
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हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा पुरुषों से ज्यादा क्यों होता है? इसका कारण सिर्फ उम्र नहीं, बल्कि हार्मोन, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कारक भी हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि महिलाओं की जीवनशैली और जैविक बदलाव इस बीमारी का रिस्क बढ़ा सकते हैं।

  • महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा ज्यादा, सिर्फ उम्र नहीं जिम्मेदार।

  • हार्मोनल बदलाव और मेंटल हेल्थ बनते हैं रिस्क फैक्टर।

  • नई थैरेपी और जीवनशैली सुधार से घट सकता है अल्जाइमर का खतरा।

महिलाएं क्यों बन रही हैं अल्जाइमर का आसान शिकार? जानिए अंदर की बात

हर साल 21 सितंबर को World Alzheimer’s Day मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके। अल्जाइमर एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो धीरे-धीरे इंसान की याददाश्त, सोचने की शक्ति और रोजमर्रा के कामकाज को बुरी तरह प्रभावित करता है।

लेकिन जो बात कम ही लोग जानते हैं, वह यह है कि अल्जाइमर का खतरा महिलाओं में पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है। आंकड़ों के मुताबिक, कुल मरीजों में लगभग दो-तिहाई महिलाएं होती हैं। तो आखिर क्या वजह है इसका?

उम्र नहीं, असली कारण कुछ और हैं…

कई लोग मानते हैं कि महिलाएं ज्यादा उम्र तक जीवित रहती हैं, इसलिए उन्हें अल्जाइमर का खतरा ज्यादा होता है। यह बात सही तो है, लेकिन पूरी कहानी नहीं है।
डॉ. कुणाल बहरानी के अनुसार, असली वजह हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अचानक गिरता है, जो दिमाग की सेहत के लिए बेहद जरूरी होता है। इसकी कमी से दिमाग की कोशिकाएं कमजोर हो सकती हैं और अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कारकों की भूमिका

महिलाओं में डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या पुरुषों की तुलना में अधिक पाई जाती है। ये दोनों स्थितियां लंबे समय में दिमाग पर बुरा असर डाल सकती हैं और कॉग्निटिव डिक्लाइन को तेज कर सकती हैं।
इसके अलावा, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर भी ध्यान देना जरूरी है। पहले के समय में बहुत-सी महिलाओं को उच्च शिक्षा या मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण नौकरियां नहीं मिल पाई। इसका असर उनके दिमाग की “कॉग्निटिव रिजर्व” पर पड़ा, जो अल्जाइमर से बचाव में मदद कर सकती थी।

क्या सिर्फ उम्र है वजह? महिलाओं को अल्जाइमर ज्यादा क्यों होता है, जानिए डॉक्टर से
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जीन और वैज्ञानिक कारण

एक और दिलचस्प तथ्य ये है कि APOE ε4 नामक जीन अल्जाइमर के रिस्क को बढ़ाता है और इसके असर महिलाओं में ज्यादा तेज़ हो सकते हैं। यह साबित करता है कि बीमारी की जड़ें केवल सामाजिक नहीं, जैविक भी हैं।

क्या है इलाज और उम्मीद की किरण?

फिलहाल अल्जाइमर का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं और थैरेपी इसके लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
नई रिसर्च में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आधारित डिज़ीज़ मॉडिफाइंग थैरेपी पर काम हो रहा है, जो दिमाग में बनने वाले हानिकारक प्रोटीन को टारगेट करती है। इससे उम्मीद की जा रही है कि बीमारी की प्रगति को धीमा किया जा सकता है।

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कैसे बचाव करें?

बचाव का कोई फुलप्रूफ तरीका नहीं है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव और जागरूकता से जोखिम को काफी हद तक घटाया जा सकता है:

  • मेनोपॉज के समय डॉक्टर से हार्मोनल और मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराएं।

  • नियमित एक्सरसाइज, संतुलित आहार और अच्छी नींद को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

  • पढ़ाई, नई चीजें सीखना और मेंटल एक्टिविटी से जुड़े रहें, ताकि आपका दिमाग एक्टिव बना रहे।

  • तनाव और डिप्रेशन से बचना भी बेहद जरूरी है।