
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2021 की नीलामी 11 फरवरी को हो सकती है। IPL गवर्निंग काउंसिल ने सभी 8 फ्रेंचाइजी को 20 जनवरी तक रिटेन खिलाड़ियों की लिस्ट जमा करने को कहा है। काउंसिल ने सोमवार को वर्चुअल मीटिंग के जरिए इस पर बात की।
क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक, इस बार मिनी ऑक्शन हो सकता है। मीटिंग में ट्रेडिंग विंडो को भी ओपन कर दिया गया है। टूर्नामेंट की तारीख और वेन्यू पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। IPL के लिए पहली पसंद भारत ही है, लेकिन कोरोना को देखते हुए इसे एक बार फिर UAE में भी आयोजित किया जा सकता है।
तीन सदस्यीय IPL गवर्निंग पैनल में शामिल बृजेश पटेल और प्रज्ञान ओझा ने वेन्यू को लेकर भी चर्चा की, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं हो सका। भारत में IPL कराने का मतलब है कि सभी टीमों का होम-अवे (होम ग्राउंड और बाहर) बेसिस पर मैच कराना। यानी कि कुल 8 टीमों के लिए 8 वेन्यू होंगे।

कोरोनाकाल में 8 जगहों पर बायो-बबल तैयार कर खिलाड़ियों को रखने में भी मुश्किल हो सकती है। ऐसे में BCCI को इस पर भी फैसला लेना है। साथ ही 2 स्टेडियम के बीच दूरी को कम करने को लेकर भी फैसला लिया जाना है, ताकि कोरोनाकाल में खिलाड़ियों को कम दूरी तय करनी पड़े। इससे पहले 13वें सीजन का सफल आयोजन UAE में किया गया था।
IPL में 2 तरह की नीलामी होती है- मेगा और मिनी। दोनों ही तरह की नीलामी में फाइनल लिस्ट में शामिल खिलाड़ियों को कैप्ड, अनकैप्ड और ओवरसीज (विदेशी) के हिसाब से बांटा जाएगा। साथ ही उनके रोल के हिसाब से बल्लेबाजों, गेंदबाजों, विकेटकीपर और ऑलराउंडर्स के अलग-अलग ग्रुप में रखा जाएगा। सबसे पहले बल्लेबाजों पर बोली लगेगी और नीलामकर्ता खिलाड़ी का बेस प्राइस पुकारेगा। फिर फ्रेंचाइजी पैडल उठाकर बोली लगाना शुरू करेंगी। यह उस सूरत में बढ़ जाएगी जब एक से ज्यादा टीम खिलाड़ी पर बोली लगाएगी।
आखिर में जिस फ्रेंचाइजी ने सबसे बड़ी बोली लगाई होगी, खिलाड़ी उसका हो जाएगा। ऐसा खिलाड़ी ‘सोल्ड’ कैटेगरी में चला जाएगा और नीलामी खत्म होगी। खिलाड़ी उस सूरत में नहीं बिकेगा, जब किसी भी फ्रेंचाइजी ने उसके लिए बोली नहीं लगाई या नीलामकर्ता को प्रक्रिया में किसी तरह गतिरोध लगता है।