लॉकडाउन देश के युवाओं के भविष्य, गरीबों और असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था : राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर दावा किया कि कोरोना संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से अचानक लगाया गया लॉकडाउन देश के युवाओं के भविष्य, गरीबों और असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था।

राहुल ने वीडियो जारी कर यह भी कहा कि इस आक्रमण के खिलाफ लोगों को खड़ा होना पड़ेगा। कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि यह लॉकडाउन देश के असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड साबित हुआ। कांग्रेस नेता ने वीडियो में कहा कि कोरोना के नाम पर जो किया गया वो असंगठित क्षेत्र पर तीसरा आक्रमण था। गरीब लोग, छोटे एवं मध्यम कारोबारी रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। लेकिन आपने बिना किसी नोटिस के लॉकडाउन किया, आपने इनके ऊपर आक्रमण किया।

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री जी ने कहा 21 दिन की लड़ाई होगी। असंगठित क्षेत्र के रीड़ की हड्डी 21 दिन में ही टूट गई। उनके मुताबिक, जब लॉकडाउन के खुलने का समय आया, तो कांग्रेस पार्टी ने एक बार नहीं अनेक बार सरकार से कहा कि गरीबों की मदद करनी ही पड़ेगी, न्याय योजना जैसी एक योजना लागू करनी पड़ेगी, बैंक खातों में सीधा पैसा डालना पड़ेगा। लेकिन सरकार ने यह नहीं किया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि हमने कहा कि लघु एवं मध्यम स्तर के कारोबारों के लिए आप एक पैकज तैयार कीजिए, उनको बचाने की जरूरत है। सरकार ने कुछ नहीं किया, उल्टा सरकार ने सबसे अमीर 15-20 लोगों का लाखों करोड़ों रुपये का कर माफ कर दिया। राहुल ने दावा किया कि लॉकडाउन कोरोना पर आक्रमण नहीं था, बल्कि यह हिंदुस्तान के गरीबों, युवाओं के भविष्य, मजदूर किसान और छोटे व्यापारियों तथा असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था।

राहुल गांधी ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ। वादा था 21 दिन में कोरोना खत्म करने का, लेकिन खत्म किए करोड़ों रोजगार और छोटे उद्योग। मोदी जी का जनविरोधी डिजास्टर प्लान जानने के लिए ये वीडियो देखें। इससे पहले मंगलवार को भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला किया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि एलआईसी को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मोदी जी सरकारी कंपनी बेचो मुहिम चला रहे हैं। खुद की बनाई आर्थिक बेहाली की भरपाई के लिए देश की संपत्ति को थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जा रहा है। जनता के भविष्य और भरोसे को ताक पर रखकर एलआईसी को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है।