लोकसभा चुनाव : झुंझुनू सीट पर होगी कांटे की टक्कर

झुंझुनू सीट
झुंझुनू सीट

झुंझुनू। राजस्थान में हरियाणा बॉर्डर के पास स्थित झुंझुनू लोकसभा सीट जाटलैंड की हार्डकोर सीट मानी जाती है। इस सीट पर जाट मतदाताओं की बहुलता के चलते यहां 1996 से लगातार जाट प्रत्याशी ही चुनाव जीत रहा है। करीब 20 लाख 83 हजार मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में झुंझुनू, मंडावा, फतेहपुर, नवलगढ, उदयपुरवाटी, पिलानी, सूरजगढ़ व खेतड़ी सहित कुल आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल है। अब तक 17 बार हो चुके लोकसभा चुनाव में यहां से नो बार कांग्रेस, दो बार भाजपा, दो बार जनता पार्टी, एक बार स्वतंत्र पार्टी, एक बार जनता दल, एक बार आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) व एक बार आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (सेक्यूलर) का प्रत्याशी विजय रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला यहां से लगातार पांच बार सांसद रहकर सबसे अधिक बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। वही 1971 में कांग्रेस के शिवनाथ सिंह गिल ने उस समय देश के सबसे बड़े उद्योगपति परिवार के कृष्ण कुमार बिरला को हराकर एक नया इतिहास बनाया था। उस समय के चुनाव में यहां अमीर बनाम गरीब का नारा पूरे देश में चर्चित रहा था।

1952, 1957, 1962 में यहां से कांग्रेस के नेता व उद्योगपति राधेश्याम मुरारका जीते थे। 1967 में स्वतंत्र पार्टी के उद्योगपति राधा कृष्ण बिरला, 1971 में कांग्रेस के शिवनाथ सिंह गिल, 1977 में जनता पार्टी के कन्हैयालाल महला, 1980 में जनता पार्टी के ठाकुर भीम सिंह मंडावा, 1984 में कांग्रेस के कप्तान अयूब खान, 1989 में जनता दल के जगदीप धनखड़ (वर्तमान उपराष्ट्रपति), 1991 में कांग्रेस के कप्तान अयूब खान, 1996 में आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) के शीशराम ओला 1998 में आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (सेक्यूलर) के शीशराम ओला, 1999, 2004 व 2009 में कांग्रेस के शीशराम ओला, 2014 में भाजपा की संतोष अहलावत, 2019 में भाजपा के नरेंद्र कुमार खीचड़ विजय रहे हैं।

2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पांच बार सांसद व केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शीशराम ओला के बेटे बृजेंद्र ओला को प्रत्याशी बनाया है। बृजेंद्र ओला झुंझुनू से लगातार चौथी बार विधायक है तथा राजस्थान सरकार में मंत्री व झुंझुनूं के जिला प्रमुख रह चुके हैं। 2014 में कांग्रेस ने उनकी पत्नी राजबाला ओला को प्रत्याशी बनाया था। मगर वह भाजपा की संतोष अहलावत से चुनाव हार गई थी। भाजपा ने यहां से पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। 2019 में भाजपा टिकट पर 3 लाख से अधिक वोटो से जीतने वाले नरेंद्र कुमार खीचड़ का पार्टी ने टिकट काट दिया है। नरेंद्र कुमार खीचड़ 2023 के विधानसभा चुनाव में मंडावा सीट पर हार गए थे।