लोकसभा अध्यक्ष ने ली पेयजल व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
  • नई पेयजल योजनाएं बनाने से पहले भविष्य की आवश्यकताओं का रखें विशेष ध्यान : लोकसभा अध्यक्ष

जयपुर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कोटा जिला परिषद सभागार में आयोजित बैठक में कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र की विभिन्न पेयजल परियोजनाओं की प्रगति एवं पेयजल आपूर्ति व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि कोटा संभाग में पानी की उचित उपलब्धता है। पानी के बेहतर प्रबंधन एवं वितरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी संवेदनशील होकर आमजन की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ग्रीष्मकाल में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति के लिए कोई भी नई योजना बनाने से पहले उस क्षेत्र की भविष्य में बढ़ने वाली आबादी के अनुसार मांग तथा पशुधन, माइनिंग सेक्टर एवं उद्योगों के लिए पानी की उपलब्धता का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

बिरला ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी की अधिक किल्लत है वहां सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही नए प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने समर कंटीजेंसी के तहत हैण्डपम्प एवं ट्यूबवेल के कार्य समय पर पूरे करने तथा टंकी या पाइप लाइन अधूरी होने जैसी शिकायतों का समाधान करते हुए पर्याप्त पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने पेयजल परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए पीएचईडी के सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों के अनुभव का लाभ लेने का भी सुझाव दिया। बिरला ने कहा कि बूंदी जिले के तालेड़ा क्षेत्र में नए औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए पानी की उपलब्धता के संबंध में कार्य योजना बनाई जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि चम्बल-भीलवाड़ा पेयजल परियोजना में एक एमएलडी पानी बढ़ाया जाए ताकि बरड़ क्षेत्र में पेयजल की किल्लत नहीं रहें।

उन्होंने बूंदी शहर में सुचारू जलापूर्ति के लिए चम्बल-बूंदी परियोजना में भी एक एमएलडी पानी की बढ़ोतरी करने को कहा ताकि बूंदी शहर के साथ-साथ 19 गांवों के ग्रामीणों को भी गर्मी के मौसम में आसानी से पेयजल उपलब्ध हो सकें। साथ ही, इन्द्रगढ़-चाकन पेयजल परियोजना से निर्बाध और शुद्ध पेयजल आपूर्ति केे समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। बिरला ने निर्देश दिए कि पेयजल पाइप लाइन एवं सीवरेज लाइन के लिए खोदी गई सड़कों की समय पर मरम्मत हो और मरम्मत का कार्य गुणवत्तापूर्ण हो। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के अधिकारी मिलकर ऐसा सिस्टम तैयार करें कि नई सड़क या इंटरलॉकिंग का कार्य होने से पहले ही पेयजल पाइप लाइन, सीवरेज लाइन, केबल अथवा अन्य लाइनों का कार्य पूरा कर लिया जाए ताकि सड़क बनने के बाद उसे फिर से तोड़ने की नौबत नहीं आए और आमजन को पेरशानी नहीं हों।

बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने अवैध कनेक्शन पर लगाम लगाने एवं पुलिस की मदद से अवैध कनेक्शनों को हटाने के निर्देश दिए। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि गरड़दा परियोजना में डिजाइन एवं पानी की उपलब्धता के अनुरूप ही कनेक्शन किए जाएं। उन्होंने कहा कि पाइप लाइन बिछाने के बाद मलबे का उचित निस्तारण नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध एक्शन लिया जाएं। उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं की फील्ड में जाकर मॉनिटरिंग करने एवं आवश्यकतानुसार पेयजल आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख पेयजल परियोजनाओं में नवनेरा वृहद पेयजल परियोजना, परवन-अकावद वृहद पेयजल परियोजना, बोराबास-मंडाना जलापूर्ति परियोजना एवं रामगंजमंडी जलापूर्ति परियोजना पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

पीएचईडी अभियंताओं ने जल जीवन मिशन के तहत किए गए पेयजल कनेक्शन, अमृत 2.0 शहरी पेयजल योजना के तहत होने वाले पेयजल सुधार कार्यों, बजट घोषणा 2025-26 के तहत स्वीकृत कार्यों की प्रगति तथा समर कंटीजेन्सी 2025 में कोटा संभाग के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। साथ ही, कोटा शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में टेंकरों द्वारा किए जा रहे पेयजल परिवहन के बारे में भी जानकारी दी गई। बैठक में ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, संयुक्त सचिव लोकसभा सचिवालय गौरव गोयल, संभागीय आयुक्त कोटा राजेन्द्र सिंह शेखावत, जिला कलक्टर कोटा डॉ. रविन्द्र गोस्वामी, जिला कलक्टर बूंदी अक्षय गोदारा, सहित अन्य जन प्रतिनिधि एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें।