
इस दिनों लोगों की जीवनशैली तेजी से बदल रही है। कामकाज के बढ़ते प्रेशर और खानपान की बिगड़ती आदत लोगों को कई तरह की बीमारियों का शिकार बना रही है। कैंसर इन्हीं गंभीर बीमारियों में से एक है, जिससे दुनियाभर में कई लोग पीडि़त है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो जानलेवा तक साबित हो सकती है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जिन्हें शरीर के अलग-अलग अंगों में होने की वजह से विभिन्न नामों से जाना जाता है। लंग कैंसर इन्हीं में से एक है। यह कैंसर के सबसे आम और गंभीर प्रकार में से एक है। लंग कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। यही वजह है कि हर साल इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 1 अगस्त को वल्र्ड लंग कैंसर डे मनाया जाता है।
क्या है लंग कैंसर?

फेफड़े का कैंसर, जिसे लंग कैंसर भी कहा जाता है, कैंसर का एक ऐसा प्रकार है, जो फेफड़ों में शुरू होता है। फेफड़े आपकी छाती में मौजूद दो स्पंजी अंग होते हैं, जो सांस लेते समय ऑक्सीजन लेते हैं और सांस छोड़ते समय कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालते हैं।
लंग कैंसर के लक्षण क्या है?

फेफड़ों का कैंसर आम तौर पर अपने शुरुआती स्टेज में संकेत और लक्षण पैदा नहीं करता है। फेफड़ों के कैंसर के लक्षण आमतौर पर तब दिखाई देते हैं, जब बीमारी बढ़ जाती है। लंग कैंसर के कुछ प्रमुख लक्षणों में से निम्न शामिल हो सकते हैं:-
- सिर दर्द
- कर्कशता
- हड्डी में दर्द
- छाती में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- अचानक वजन कम होना
- लंबे समय से खांसी की समस्या
- खांसी में थोड़ी मात्रा में खून आना
किन लोगों को है ज्यादा खतरा?
यूं तो कैंसर का यह प्रकार किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है, लेकिन जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। हालांकि, फेफड़ों का कैंसर उन लोगों में भी हो सकता है, जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया है। फेफड़ों के कैंसर का खतरा धूम्रपान करने के समय और सिगरेट की संख्या के साथ बढ़ता है। ऐसे में कई वर्षों तक स्मोकिंग करने के बाद अगर आप धूम्रपान छोड़ देते हैं, तो फेफड़ों के कैंसर के विकास की संभावना को काफी कम कर सकते हैं।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको खुद में लगातार ऊपर बताएं गए संकेतों में से कुछ नजर आ रहे हैं, तो बिना किसी लापरवाही के तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही अगर आप धूम्रपान करते हैं और इसे छोडऩे में आपको मुश्किल हो रही है, तो भी अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आपका डॉक्टर धूम्रपान छोडऩे के लिए परामर्श, दवाएं और निकोटीन रीप्लेसमेंट प्रोडक्ट्स आदि के जरिए आपकी मदद करता है।
लंग कैंसर के कारण क्या है?
लंग कैंसर का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान है। स्मोकिंग करने वाले और धूम्रपान के संपर्क में आने वाले दोनों के लिए ही यह लंग कैंसर के कारण बनता है। हालांकि, फेफड़ों का कैंसर उन लोगों में भी होता है, जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया और उन लोगों में भी जो लंबे समय तक धूम्रपान के संपर्क में नहीं रहे। इन मामलों में, फेफड़ों के कैंसर का कोई स्पष्ट कारण नहीं हो सकता है।
धूम्रपान कैसे फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है?
डॉक्टरों का मानना है कि स्मोकिंग फेफड़ों के सेल्स को नुकसान पहुंचाकर फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है। जब आप सिगरेट का धुआं लेते हैं, जो कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों (कार्सिनोजेन्स) से भरा होता है, तो फेफड़ों के टिशूज में बदलाव लगभग तुरंत शुरू हो जाता है। शुरुआत में आपका शरीर इस डैमेज की मरम्मत करने में सक्षम हो सकता है, लेकिन बार-बार इसके संपर्क में आने से, आपके फेफड़ों में मौजूद सामान्य सेल्स तेजी से डैमेज हो जाते हैं। समय के साथ, डैमेज के कारण सेल्स असामान्य रूप से कार्य करने लगते हैं और अंतत: कैंसर विकसित हो सकता है।
लंग कैंसर के प्रकार
फेफड़ों के कैंसर के दो सामान्य प्रकार हैं
स्मॉल सेल लंग कैंसर : स्मॉल सेल लंग कैंसर विशेष रूप से भारी धूम्रपान करने वालों में होता है और यह नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर की तुलना में कम आम है।
नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर : लंग कैंसर का यह प्रकार कई प्रकार के फेफड़ों के कैंसर के लिए एक व्यापक शब्द है। नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, एडेनोकार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा शामिल हैं।
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