बाड़मेर। राजस्थान के पश्चिमी इलाकों में बारिश का दौर थम चुका है, लेकिन, अजमेर से होकर रेगिस्तानी इलाके में जाने वाली लूणी नदी उफान पर है। 3 दिन में नदी का पानी 200 किलोमीटर बहकर बाड़मेर जिले में पहुंचा। बालोतरा में बुधवार को इस नदी का मंगल प्रवेश हुआ तो लोगों ने पूजा-अर्चना की। नदी का पानी शुक्रवार को बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में पहुंचा। ये नदी बाड़मेर के रास्ते होते हुए दो से तीन दिनों में गुजरात की सीमा में प्रवेश करेगी। पिछले साल बिपरजॉय तूफान के कारण लूणी नदी में जून में ही पानी आ गया था। इस बार अगस्त महीने में मानसून की अच्छी बारिश के बाद पानी आया है।
बालोतरा शहर से गुजरी तो पूर्व मंत्री के साथ लोगों ने की पूजा, चुनरी ओढ़ाई
लूणी नदी का पानी बुधवार शाम को बालोतरा शहर में पहुंचा तो बीओटी पुलिया पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, पचपदरा विधायक डॉ. अरुण चौधरी, सभापति सुमित्रा जैन, भाजपा जिलाध्यक्ष बाबुसिंह राजगुरु सहित कार्यकर्ताओं ने पंडित सुरेंद्र दवे के मंत्रोच्चार पर पुष्प व नारियल चढ़ाकर नदी का पूजन किया। इस दौरान नदी की आरती की गई और चुनरी ओढ़ाई गई। बड़ी संख्या में शहरवासी भी मौजूद थे। लूणी नदी गुरुवार को बाड़मेर जिले के सिणधरी पहुंची, जहां लोगों ने नदी का स्वागत किया। यहां से नदी पायला कला होते हुए शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे गुड़ामालानी के रतनपुरा गांव पहुंची। नदी के बहाव को देखने के लिए पुल पर बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए थे।
छतरियों का मोर्चा पर चौपाटी सा माहौल
बालोतरा छतरियों का मोर्चा पर नदी आने के साथ ही लोगों की भीड़ लगी हुई है। इसके चलते दर्जनों ठेले वाले चाट-पकौड़ी व अन्य खाने-पीने की दुकानें सजाकर बैठ गए हैं। नदी के किनारे चौपाटी सा माहौल बना हुआ है। बड़े-बुजुर्ग और बच्चे नदी देखने के साथ पिकनिक का आनंद लेते नजर आ रहे हैं। लूणी नदी का पानी गुड़ामालानी पहुंचा तो लोगों ने उसका स्वागत किया। एसडीएम केशव कुमार मीणा ने अलर्ट जारी करते हुए नदी के जल प्रवाह से दूर रहने की आमजन को हिदायत दी है। निचले इलाके में रहने वाले लोगों को भी नदी के बहाव से दूर रहने की हिदायत दी गई है।
यह भी पढ़ें : 10 अगस्त को पीएम मोदी का वायनाड दौरा, भूस्खलन प्रभावित इलाकों का लेंगे जायजा