मदन राठौड़ भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष

मदन राठौड़
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मुख्यमंत्री भजनलाल ने मदन राठौड़ को दी बधाई

अग्रवाल को प्रदेश प्रभारी और विजया रहाटकर को सहप्रभारी नियुक्त किया

जलतेदीप, जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष और सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल को प्रदेश प्रभारी और विजया रहाटकर को सहप्रभारी नियुक्त किया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राठौड़ को बधाई दी है। सोशल मीडिया एक्स पर मुख्यमंत्री शर्मा ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को भाजपा राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। निसंदेह, आपके ऊर्जावान नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन में भाजपा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मूल मंत्र के साथ प्रदेश में सफ़लता के नवीन मानक स्थापित करेगी। मैं प्रभु श्रीराम से आपके उत्कृष्ट कार्यकाल के लिए मंगलमय कामना करता हूं।

मदन राठौड़ बेहद सरल और मिलनसार व्यक्ति

पाली जिले के रायपुर में 2 जुलाई, 1954 को जन्मे मदन राठौड़ बेहद सरल और मिलनसार है। कार्यकर्ताओं में उनकी पकड़ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। वे छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे। राठौड़ ओबीसी वर्ग से आते हैं। वे सुमेरपुर विधानसभा सीट से वर्ष 2003 से 2008 और वर्ष 2013 से 2018 तक विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2023 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने नाराज होकर निर्दलीय के रूप में नामांकन भरा लेकिन तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया के मनाने और मोदी के कहने पर उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। पिछली भाजपा सरकार में वे सरकारी उप मुख्य सचेतक बनाए गए थे।

राठौड़ को संगठन में काम करने का लम्बा अनुभव

भाजपा संगठन में काम करने का राठौड़ को लंबा अनुभव है। वे चार बार भाजपा के पाली जिलाध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। विधान सभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, बाद में राज्यसभा सांसद बनाया गया।

सीपी जोशी ने खुद की थी अपने पद से त्यागपत्र देने की पेशकश

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने अपने पद से त्यागपत्र की पेशकश की थी। पिछले चार दिन से जोशी दिल्ली में थे। वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले भी थे। जोशी ने त्यागपत्र की एक बार पहले भी लोकसभा चुनावों के परिणाम आते ही पेशकश कर दी थी। जोशी विधानसभा चुनावों के परिणामों में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही पद छोड़ना चाहते थे। उन्हें पार्टी आलाकमान ने पद पर बने रहने को कहा था। उनके नेतृत्व में पार्टी की सरकार बन गई थी, वे किसी नए नेता को कमान सौंपना चाहते थे।

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