मायड़भासा राजस्थानी छात्र मोर्चा ने हरीश मीणा के बयान पर जताया विरोध

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

जयपुर। मायड़भासा राजस्थानी छात्र मोर्चा राजस्थान ने एक पत्र लिखकर कांग्रेस विधायक हरीश मीणा पर मातृ भासा राजस्थानी को लेकर विधानसभा में सवाल उठाने हेतु सभी राजस्थानियों ने माफी मांगने को कहा है । मोर्चे ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि हरीश मीणा जैसे अज्ञानी विधायक जो राजस्थानी भासा पर सवाल उठाते है उन्हें ये ज्ञात होना चाहिए कि राजस्थानी भासा वही भासा है जिसकी मान्यता ने लिए माननीय अशोक गहलोत के प्रथम मुख्यमंत्री काल मे विधानसभा से सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास किया गया था।

मोर्चे के प्रदेश महामंत्री कप्तान बोरावड़ ने कहा कि हरीश मीणा का यह बयान दस करोड़ राजस्थानियों की भावना को आहत करने वाला है व उन्हें तुरंत प्रभाव से प्रदेशवासियों से माफी मांगनी चाहिए अन्यथा मोर्चा सरकार व विधानसभा से उन पर कार्यवाही की मांग को लेकर आंदोलन करेगा।

मोर्चे के संयोजक डॉ.गौतम अरोड़ा ने बताया कि मोर्चे के मात्र भासा मान्यता के समर्थन में अभियान के तहत वर्तमान विधानसभा के 110 से भी अधिक विधायक लिखित में केंद्र व राज्य को पत्र दे चुके है । खुद मुख्यमंत्री ने राजस्थानी भासा की पैरवी की है । ऐसे में हरीश मीणा का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण और उनके दिमागी दिवालियेपन का परिचायक है व विधायक तुरंत इसके लिए माफी मांगे। गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने विधानसभा में कहा था कि मैं राजस्थान का रहने वाला हूं ,कहीं बाहर से नहीं आया. मेरे मां-बाप भी राजस्थान के ही हैं।

राजस्थानी भाषा क्या है ये हर आदमी जानता है, ये हमारी महानता, शान और का आन का प्रतीक है, लेकिन यह बताएं कि राजस्थानी भाषा है क्या? जो गंगानगर में बोली जाती है वह राजस्थानी है या जो बांसवाड़ा की बोली है वह राजस्थानी है या फिर जैसलमेर में जो बोली जाती है वह राजस्थानी है. भाषा को मान्यता देना चाहते हो तो पहले बता तो दो कि राजस्थान की भाषा है कौन सी ? मीणा ने कहा कि भाषा कोई सी भी बोलें लेकिन हम चाहते हैं कि हमारे बच्चों को रोजगार मिले, महंगाई से मुक्ति मिले, भ्रष्टाचार से मुक्ति मिले।