
ऐसा शायद ही कोई होगा जिसे तनाव ना होता हो. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और कभी ना खत्म होने वाला काम तनाव की वजह बनते हैं. तनाव होने पर व्यक्ति शारीरिक रूप से भी बीमार महसूस कर सकता है. तनाव में इमोशनली भी एग्जॉस्टेड फील होता और सिर में दर्द महसूस होता है सो अलग. तनाव की स्थिति में किसी भी काम में ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा देखा जाए तो तनाव कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का कारण बनता है. बहुत से लोगों को तनाव के कारण बाल झडऩे और शरीर के कई हिस्सों में दर्द की शिकायत भी रहने लगती है. ऐसे में अपने खानपान में आप ऐसी चीजों को शामिल कर सकते हैं जिनका असर स्ट्रेस कम करने में कमाल का नजर आता है.
कैल्शियम

इस महत्वपूर्ण खनिज की कमी हमें बेहद कमजोर बना सकती है। कैल्शियम की कमी से होने वाला डिप्रेशन खासतौर पर महिलाओं में पीएमएस (मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं) और बुजुर्गों में असहाय शरीर होने पर जीवन के प्रति निराशा की सोच को बढ़ा सकता है। स्रोत : दूध, दही व इनसे बनी चीजें, अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे आदि।
आयरन

कैल्शियम यदि शरीर का ढांचा बनाता है तो आयरन रूपी लौह तत्व उसमें प्राण भरता है। लाल रक्त कोशिकाओं के जरिए ऑक्सीजन का प्रवाह करने और मस्तिष्क व मांसपेशियों को ताकत देने का काम आयरन ही करता है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से लाखों महिलाएं और बच्चे किसी न किसी रूप से प्रभावित होते हैं। इसकी कमी से थकान, निराशा और चिड़चिड़ापन होना सामान्य लक्षण है। स्रोत : अनाज, गिरी वाले फल, टमाटर, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां व फल।
विटामिन बी 6
यह सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर यानी मौसम में बदलाव के कारण होने वाले तनाव को कम करने में मददगार है। इसकी कमी से एनीमिया, उलझन और अवसाद दूर होता है। स्रोत : दूध-दही, सोयाबीन, टमाटर, आलू, केला, हरी सब्जियां, सूखे मेवे और दालों आदि में।
विटामिन बी 12
यह कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन को बनाने व उनकी मरम्मत में सहायता करता है। इसकी कमी से याददाश्त में कमी, थकान व डिप्रेशन आदि भी होते हैं। स्रोत : दूध, दही, फलियों, टमाटर,
आलू, केला, हरी सब्जियों में।
विटामिन डी
इसकी कमी से न केवल डिप्रेशन बढ़ता है बल्कि कैंसर, रिकेट्स, ऑस्टियोपोरेसिस, किडनी रोग, सर्दी-जुकाम, मोटापा, असमय बुढ़ापा जैसे रोग होते हैं। स्रोत : गुनगुनी धूप से, दूध, पनीर व इनसे बनी चीजों से।
मैगनीशियम
यह शरीर में करीब 300 तरह के महत्वपूर्ण कार्य करता है। अच्छे मूड व खुशी को बढ़ाने वाले सेरेटोनिन नामक रसायन को पैदा करने व मानसिक स्थिति को सक्षम बनाए रखने में इसकी बड़ी भूमिका है।
स्रोत : दूध, बादाम, पालक, राजमा, खजूर, गाजर, नींबू, केला, पपीता।
ओमेगा-3-फैटी एसिड
थकान, स्वभाव में बदलाव, याददाश्त में कमी और डिप्रेशन ओमेगा-3-फैटी एसिड की कमी से होता है। इसकी सही मात्रा मस्तिष्क के बुरे विचारों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
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