
इंफाल। गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद इस तरह की पहली बैठक होगी। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। आज होने वाली सुरक्षा रिव्यू मीटिंग में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार के शीर्ष अधिकारी, सेना और अर्धसैनिक बल के अधिकारी शामिल होंगे। उधर राज्यपाल ने उग्रवादियों से हथियार सरेंडर करने की समय सीमा 6 मार्च शाम 4 बजे तक बढ़ा दी है। मणिपुर के इंफाल में शुक्रवार को भी पहाड़ी इलाकें में गोलीबारी की घटना हुई थी।
28 फरवरी को अज्ञात उग्रवादियों ने इंफाल पूर्वी जिले में मैतेई समुदाय के धार्मिक स्थल पर आसपास की पहाड़ियों से गोलीबारी की। यह घटना सुबह करीब 9.30 बजे हुई, जब भारी सुरक्षा घेरे में श्रद्धालुओं का एक समूह मैतेई लोगों के पवित्र स्थल कोंगबा मारू में प्रार्थना करने गया था। अधिकारियों ने बताया कि आसपास की पहाड़ियों से कुल सात राउंड गोलियां चलाई गईं, लेकिन इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ।
हथियार सरेंडर करने की समय सीमा एक हफ्ते और बढ़ी
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उग्रवादियों से हथियार सरेंडर करने की समय सीमा 6 मार्च शाम 4 बजे तक बढ़ा दी है। मणिपुर के राज्यपाल के घर ने इसके लिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 20 फरवरी को भल्ला ने सभी समुदायों के लोगों, विशेष रूप से घाटियों और पहाड़ियों में रहने वाले लोगों से अनुरोध किया था कि वे सात दिनों के भीतर लूटे गए हथियार और गोला-बारूद को नजदीकी पुलिस थानों, चौकियों या सुरक्षा बलों के शिविर में आत्मसमर्पण कर दें।

26 फरवरी को 7 जिलों के लोगों ने हथियार सरेंडर किए थे
मणिपुर में दो दिन पहले लूटे गए 87 तरह के हथियार, गोला-बारूद और अलग-अलग सामान लोग स्वेच्छा से सरेंडर कर रहे हैं। इंफाल ईस्ट, बिश्नुपुर, थौबल, कांगपोकपी, जिरीबाम, चुराचांदपुर और इंफाल वेस्ट जिलों में हथियार सरेंडर किए गए हैं।