
नई दिल्ली। देश के विकास में हमेशा अग्रमि पंक्ति में खड़े रहने वाले पद्म भूषण रतन टाटा का 9 अक्टूबर की रात निधन हो गया। तन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे, फिर भी वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं जो छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं, इसके बावजूद वह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे।
देश के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक ने उनकी मृत्यु पर शोक जाहिर किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि भारतीय व्यापारिक घरानों में से उन्होंने टाटा की सबसे अधिक प्रशंसा की है क्योंकि रतन टाटा ने अपार समर्पण, दूरदर्शिता और निष्ठा के साथ समूह को कई दशकों तक गौरव दिलाया।
बीजेपी के सीनियर लीडर आडवाणी ने अपने शोक संदेश में कहा कि टाटा ने भारतीय उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी है। आडवाणी ने कहा कि वह उद्योग जगत के दिग्गजों में से एक थे। आडवाणी ने कहा रि वह वास्तव में दिवंगत जेआरडी टाटा के योग्य उत्तराधिकारी साबित हुए जिनसे मुझे कई मौकों पर बातचीत करने का अवसर मिला।
भाजपा के दिग्गज नेता ने कहा कि टाटा के साथ उनका आखिरी संवाद इस साल फरवरी में हुआ था जब उनको ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किये जाने के बाद टाटा का एक स्नेहपूर्ण पत्र मिला था। उन्होंने कहा कि उनकी गर्मजोशी, उदारता और दयालुता हमेशा बहुत असाधारण रही है। आडवाणी ने कहा कि देश रतन टाटा का ऋणी रहेगा। वह वास्तव में एक महान व्यक्ति थे। उनकी आत्मा को शांति मिले। उनके परिवार, दोस्तों और असंख्य प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।