
धौलपुर। तिलहन के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने और घरेलू उत्पादन को वैज्ञानिक तरीके से बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार और राजस्थान सरकार द्वारा संचालित ऑयल सीड मिशन के तहत धौलपुर जिले में एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत जिले में 4500 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलों की वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन कृषि विज्ञान केंद्रों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO) स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा। इस संबंध में जिला कलेक्टर श्रीनिधि बी.टी. की अध्यक्षता में जिला परियोजना समिति की बैठक का आयोजन बैठक में जिला कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि योजना की प्रत्येक गतिविधि को जमीनी स्तर तक पहुँचाया जाए, ताकि किसानों को इसका व्यावहारिक लाभ मिल सके।
उन्होंने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि अभियान के तहत मृदा परीक्षण, बीज चयन, प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार की सभी प्रक्रियाएं पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित की जाएं। बैठक में संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. धर्मपाल सिंह, अधिशासी अभियंता जल संसाधन विभाग सुरेश चंद्र मीणा, उप निदेशक उद्यान तनोज चौधरी, तथा उप निदेशक कृषि सरदारमल यादव सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में यह भी तय किया गया कि चयनित क्षेत्रों में कृषकों को नवाचार तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनकी उत्पादकता, उत्पादन एवं लाभ में वृद्धि सुनिश्चित हो सके।
जिला कलेक्टर ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि योजनाओं का प्रभाव किसानों के जीवन में ठोस रूप से दिखाई दे, इसके लिए मिशन की प्रगति की नियमित निगरानी और फील्ड स्तर पर सतत संपर्क बनाए रखा जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें और योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए गांव स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) ने बताया कि यह योजना तिलहन फसलों की वैज्ञानिक खेती, उन्नत बीजों के प्रयोग और तकनीकी सहायता के माध्यम से क्षेत्रीय स्तर पर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि देश में खाद्य तेल उत्पादन में भी मजबूती आएगी।