मानसून में माइग्रेन का खतरा अधिक, इससे बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

मानसून में बढ़ सकता है माइग्रेन
मानसून में बढ़ सकता है माइग्रेन

मानसून के मौसम के दौरान, वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन, आद्र्रता के स्तर और तापमान में उतार-चढ़ाव जैसे कई कारक संभावित रूप से माइग्रेन को खराब कर सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर मानसून माइग्रेन कहा जाता है। इन कारणों को समझने से व्यक्तियों को अपनी स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। यहां मानसून के मौसम में माइग्रेन के 5 प्राथमिक कारण दिए गए हैं।

हाइड्रेट रहें

हाइड्रेट रहें
हाइड्रेट रहें

मानसून में ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है, जिस कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है। इसलिए मानसून में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। एक दिन कम से कम आठ लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। पानी की कमी माइग्रेन को ट्रिगर करती है। आप पानी के अलावा जूस और सूप जैसे तरल पदार्थ का भी सेवन कर सकते हैं। हालांकि किसी भी ऐसे तरल पदार्थ से दूर रहें, जो आपके माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।

घर के अंदर के वातावरण पर नियंत्रण रखें

घर के अंदर के वातावरण पर नियंत्रण रखें
घर के अंदर के वातावरण पर नियंत्रण रखें

माइग्रेन का दर्द न बढ़े इसलिए घर के अंदर के वातावरण को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। घर में डीह्यूमिडिफ़ायर या एयर कंडीशनर का उपयोग करें। इससे नमी के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलगी, इसके साथ ही बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन में भी कमी आएगी। वहीं बाथरूम और किचन को साफ रखें ताकि बैक्टीरियल और फंगल इनफेक्शन न हों।

रूटीन बनाएं

माइग्रेन का दर्द न बढ़े, इसके लिए एक रूटीन बनाएं और इसी को फॉलो करें। सही समय पर सोएं, संतुलित आहार लें और स्ट्रेस फ्री रहें। मानसून के सीजन में जीवनशैली में बदलाव करने से माइग्रेन की संभावना कम करने में मदद मिल सकती है।

ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे बचाव करें

मानसून में माइग्रेन को बढ़ाने वाली चीजों को पहचानें। इनकी पहचान करने के बाद आपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाएं। इसमें तेज गंध, कुछ खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं, जो लगातार माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं। ट्रिगर्स पर नियंत्रित करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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