
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने माइनिंग सेक्टर में समय समय पर प्रक्रिया के सरलीकरण और पारदर्शी व्यवस्था के तहत लिए गए निर्णयों के क्रम में अब माइनिंग प्लान के अनुमोदन की प्रक्रिया सहित अन्य कार्यों को भी ऑनलाईन करने का निर्णय किया है। प्रमुख शासन सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त ने बताया कि राज्य के खनिज विभाग की अप्रधान खनिज लीजों व क्वारी लाइसेंसधारी खानों का माइनिंग प्लान व माइनिंग योजनाओं के अनुमोदन की प्रक्रिया एक मई से ऑनलाईन होगी। विभाग द्वारा पारदर्शी व्यवस्था के तहत माइनिंग प्लान व माइनिंग योजनाओं की स्वीकृति के साथ ही खनिज विभाग से संबंधित नोड्यूज भी एक मई से ऑनलाईन जेनरेट होगा वहीं अब आरसीसी ईआरसीसी ठेकों से जारी होने वाली रसीदें भी एक मई से मेन्युअल के स्थान पर ऑनलाईन दी जाएगी।
प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त ने बताया कि नई व्यवस्था से करीब 30 हजार अप्रधान खनिज लीजधारक और क्वारी लाइसेंसधारक लाभान्वित हो सकेंगे वहीं उन्हें अब खनिज विभाग के कार्यालयों में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अप्रधान खनिजों के माइनिंग लीजधारकों व क्वारी लाइसेंसधारकों को माइनिंग प्लान व माइनिंग स्कीम का अनुमोदन करवाना होता है। नियमानुसार विभाग द्वारा 90 दिवस में अनुमोदन की कार्रवाई पूरी करनी होती है पर अनुमोदन में इससे अधिक समय भी लग जाता है। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन प्रक्रिया में लीजधारक द्वारा माइनिंग प्लान व माइनिंग योजना के अनुमोदन के लिए ऑनलाईन आवेदन किया जाएगा और अनुमोदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाईन होने से कार्य में पारदर्शिता, समयबद्धता के साथ ही लीजधारक के समय की बचत व अनावश्यक असुविधा से राहत मिल सकेगी। ऑनलाईन व्यवस्था होने से लीजधारक अनुमोदन प्रक्रिया की प्रगति से भी अवगत हो सकेंगे और तय समय सीमा में ही अनुमोदन कार्रवाई पूरी हो सकेगी।
रविकान्त ने बताया कि आरसीसी-ईआरसीसी ठेकों पर अभी तक मेन्युअल रसीद दी जाती है। एक मई से ठेकों की रसीद भी ऑनलाईन जेनरेट होकर ही मिलेगी। इससे सरकारी राजस्व में होने वाली छीजत को भी प्रभावी तरीके से रोका जा सकेगा। इसी तरह से लीजधारक खनिज विभाग से नोड्यूज के लिए भी ऑनलाईन आवेदन कर बकाया नहीं होने की स्थिति में नोड्यूज प्रमाणपत्र भी ऑनलाईन जेनरेट कर सकेंगे। निदेशक माइन्स दीपक तंवर ने बताया कि विभाग द्वारा ऑनलाईन के तीनों मॉड्यूल्स तैयार कर लिये हैं और एक मई से ऑनलाईन व्यवस्था को परिचालन में लाना शुरु कर दिया जाएगा। इससे व्यवस्था का सरलीकरण, पारदर्शिता और तय समय सीमा में कार्यों का निष्पादन सुनिश्चित हो सकेगा।