
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी की गरिमामयी उपस्थिति में राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने रविवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक स्थल, धानक्या रेलवे स्टेशन, जयपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आयोजित पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति व्याख्यान में शिरकत की।
कर्नल राज्यवर्धन जी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर बोलते हुए कहा कि एकात्म मानववाद एवं अंत्योदय दर्शन के प्रणेता, श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर देशभर के अपने परिवारजनों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

कर्नल राज्यवर्धन जी ने कहा, दीनदयाल ने अंत्योदय के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने देश को आगे ले जाने का जो मार्ग दिखाया, वो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरणास्रोत है। पंडित जी के सिद्धांत आज मोदी सरकार के गवर्नेंस मॉडल की प्रेरणा माने जाते हैं। पंडित जी जिस अंत्योदय की बात करते थे, उसका मतलब था- समाज की योजनाएं सबके लिए एक समान हों लेकिन, वरीयता समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिले।

पंडित जी चाहते थे कि सरकार की हर योजना के पीछे गांव होना चाहिए। वह गांव और शहर के बीच संतुलित संबंध चाहते थे। मोदी सरकार ने आज जो विकसित भारत का संकल्प लिया है उसमें गांव चलो अभियान बहुत अहम है। आज सरकार की हर योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से गांव-गांव, ढाणी-ढाणी पहुंच रहा है। अब जनता-जनार्दन को सरकार के पास नहीं जाना पड़ता बल्कि सरकार खुद जनता-जनार्दन तक पहुंच रही है।

पंडित दीनदयाल सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता थे। हम सौभाग्यशाली हैं कि अयोध्या में 500 साल के संघर्ष के बाद भव्य निर्मित राम मंदिर में रामलला जी की प्राण-प्रतिष्ठा के साक्षी बने। अब यूएई के अबूधाबी में पहले हिंदू मंदिर स्वामीनारायण मंदिर का निर्माण हुआ है, जिसका उद्घाटन 14 फरवरी को मोदी जी करेंगे। राजस्थान का भी इसमें विशेष योगदान है। नया संसद भवन हो या राम मंदिर या स्वामीनारायण मन्दिर यहां राजस्थान की झलक दिखती है। यहां के पत्थरों पर की गई नक्काशी राजस्थान के कारीगरों ने की है।

मोदी, भारत की संस्कृति, सभ्यता, विरासत को आधुनिकता के साथ जोड़ रहे हैं। जिसका सपना पंडित दीनदयाल जी ने देखा था और इसमें हम सभी को अपना विशेष योगदान देना है। सबको साथ मिलकर चलना है। सबको साथ लेकर चलना है। तभी हम विकसित भारत का सपना साकार कर पाएंगे।
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