नारी सशक्तिकरण के अभियान को आगे बढ़ा रही मोदी विश्वविद्यालय

मोदी विश्वविद्यालय
मोदी विश्वविद्यालय

अलवर। सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ स्थित मोदी विश्वविद्यालय द्वारा अलवर में 20 मई को 11 बजे से प्रेस कांफ्रेंस “संवाद” का आयोजन किया गया। इसमें शहर के मुख्य इलेक्ट्रोनिक और प्रिन्ट मीडिया के प्रत्रकारों से विश्वविद्यालय ने शुरू होने वाले नये सत्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय का 265 एकड़ का विशाल कैम्पस शिक्षा द्वारा नारी सशक्तिकरण के अभियान को सतत् आगे बढ़ा रही है। राजस्थान सहित देशभर के छात्राओं के लिए मोदी विश्वविद्यालय ने इस साल भी कुछ खास छात्रवृति की घोषणा की। इसके साथ ही शिक्षा के नये परिदृश्य और मोदी विश्वविद्यालय के वर्तमान परिपेक्ष्य को लेकर भी मिडिया से रूबरू हुए। इस प्रेस कांफ्रेंस में मोदी विश्वविद्यालय के डीजीएम एडमिशन प्रवीण झा एवं पीआरओ राजीव सिंह मौजूद रहे।

गौरतलब है कि मोदी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड साइसेंस, स्कूल ऑफ इंजिनयरिंग, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ डिजाइन एवं स्कूल ऑफ बिजनेस में विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तर के साथ पीएचडी के भी कोर्स कराये जाते हैं।

विश्वविद्यालय में कई स्किल बेस्ड कोर्सेस मसलन डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, जर्नलिज्म एड मास कम्यूनिकेशन, फॉरेनसिक साइंस, फिजयोथेरेपी, फूड एंड न्यूट्रीशयन, बॉयोमेडिकल एवं न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसे सरीखे कोर्स जो कि पूर्णतः कौशल आधारित है और छात्राओं को बेहतर भविष्य की ओर ले जाता हैं। छात्राओं को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने वर्तमान सत्र से डी फार्मा कोर्स की भी शुरूआत

की। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के मस्ट सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज अर्न्तगत हिन्दू स्टडीज में एम ए कोर्स भी वर्तमान सत्र से शुरू किया गया है। इस दो वर्षिय स्नातकोत्तर कार्यक्रम में छात्राओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विरासत से रूबरू होने का मौका

मिलेगा। रिर्सच एवं इनोवेशन के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय ने कई मुकाम हासिल किया है जिसमें क्यूरी के तहत रिर्सच एवं इनोवेशन के लिए विश्वविद्यालय को 2.25 करोड़ रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ है, जिसके

अन्र्तगत समाज के लिए महिलाओं द्वारा रासायन विज्ञान, फोरेंसिक साइंस, बॉयो साइंस, माइक्रोबायोलॉजी, फुड एवं न्यूट्रीशियन, फिजयोथेरेपी, साइकोलॉजी, बायोमेडिकल, बॉयो इंजिनयरिंग, न्यूक्लियर साइंस एंड इंजिनयरिंग जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है। जबकि साइंस एंड इंजिनयरिंग रिर्सच बोर्ड अर्थात् सब स्योर से भौतिकी विज्ञान में अनुसंधान के लिए 12 लाख रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ

है। सभी वर्गों को शिक्षा का समान अवसर मुहैया कराने के उददेश्य से विश्वविद्यालय ने ऑनलाईन माध्यम की भी शुरूआत की है जिसके अन्र्तगत बीए, बीकॉम, एम कॉम के साथ ही एमबीए और एमसीए जैसे विभिन्न कॉसेस करवाए जाएगें। इस माध्यम में छात्राओं के साथ छात्र भी दाखिला ले सकते हैं।

आरएएस, पीसीएस एवं आइएएस जैसे परिक्षाओं के तैयारी के लिए विश्वविद्यालय कैंपस में ही छात्राओं को विशेष सुविधा प्रदान कर रही है और इसके लिए प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान समकल्प, नई दिल्ली से अनुबंध किया गया है ताकि छात्राओं को स्नातक के दौरान ही तैयारी का बेहतर अवसर प्राप्त हो सके।

मोदी स्कूल और विश्वविद्यालय छात्राओं की शिक्षा को अनवरत जारी रखना चाहती है और इसी के मदद्देनजर स्कूल एवं विश्वविद्यालय कई स्तर पर छात्राओं के लिए छात्रवृति लेकर आयी है, ताकि आर्थिक स्थ्तिी किसी के भी शिक्षा में रूकावट न बन सके। छात्रवृति स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों के लिए लागू है। विश्वविद्यालय ने मेधावी छात्राओं के लिए ट्यूश्न फी में 50 प्रतिशत तक की छात्रवति का प्रावधान रखा है।