
मार्च से लेकर जून तक पडऩे वाली भीषण गर्मी के बाद जुलाई का महीना मानसून के स्वागत का होता है। साल का यह सातवां महीना तपती गर्मी से थोड़ी राहत तो जरूर देता है, लेकिन बरसात के इन दिनों में सेहत को लेकर सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। इस मौसम में अगर आप भी बार-बार बीमार नहीं पडऩा चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। आइए आपको बताते हैं कि वातावरण में नमी बढऩे के कारण पैदा होने वाले बैक्टीरिया और वायरस के खतरे से आप कैसे अपने आपको सुरक्षित रख सकते हैं। सेहत ख्याल
मानसून में क्यों बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा?

बरसात के मौसम में सांस के रास्ते से बैक्टीरिया और वायरस काफी तेजी से फैलने लगते हैं। मौसम में नमी के कारण इन दिनों बैक्टीरिया के पनपने का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है। इन दिनों शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता भी कम हो जाती है। ऐसे में, खानपान में बरती जाने वाली लापरवाही का सीधा और तेज असर सेहत पर देखने को मिलता है। खांसी-जुकाम, उल्टी और सर्दी-बुखार की परेशानी से बचने के लिए इस मौसम में सेहत का काफी ख्याल रखना पड़ता है। मानसून के मौसम में मच्छर भी तेजी से फैलते हैं, क्योंकि इन दिनों बरसात के कारण इन्हें पनपने का माहौल मिल जाता है, जो कि आपकी जान के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरता है। आइए जानते हैं इस मौसम में फैलने वाली बीमारियों के बारे में।
इन बीमारियों का बढ़ जाता है जोखिम

बारिश के मौसम में डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, वायरल फ्लू, इन्फेक्शन, एलर्जी, गैस्ट्रोएंट्राइटिस, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए और ई का जोखिम काफी ज्यादा रहता है। बता दें, इनमें से ज्यादातर बीमारियां मच्छरों के पनपने से ही पैदा होती हैं।
कैसे रखें इस मौसम में सेहत का ख्याल?
मानसून यानी बरसात के मौसम में सेहत का ख्याल रखना काफी ज्यादा जरूरी है। इसके लिए आप सबसे पहले तो पूरी बाजू के कपड़े पहनें, जो कि आपको मच्छरों से फैलने वाली डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाने का काम करेंगे। इसके अलावा इस मौसम में इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिहाज से डाइट का खास ख्याल रखने की भी जरूरत होती है। ऐसे में, आप पूरी कोशिश करें कि खानपान में पोषक तत्वों को पूरी जगह मिले। इसके लिए मौसमी फल-सब्जियों के सेवन से लेकर आप डाइट में कुछ सुपरफूड्स को भी शामिल कर सकते हैं।
साथ ही, इस मौसम में डिहाइड्रेशन और डायरिया से बचना भी काफी ज्यादा जरूरी है। बरसात और वातावरण में ठंडक के कारण बेशक आपको प्यास कम लगती हो, लेकिन शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा का ख्याल जरूर रखें। इसके अलावा बाहर का खाने से परहेज करें और घर में बने भोजन के बासी होने के बाद इसका सेवन न करें। साथ ही, हाथों को बार-बार धोएं और पर्सनल हाइजीन का खास ख्याल रखें।
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