
गर्मी के मौसम के बाद आने वाला मॉनसून अपने साथ सिर्फ राहत की बूंदें ही नहीं, बल्कि कुछ स्वास्थ्य चुनौतियां भी लेकर आता है। इन्हीं में से एक है पैरों में फंगल इन्फेक्शन का होना, जिसे आमतौर पर फुट फंगस के नाम से जाना जाता है। पसीने और लगातार बनी रहने वाली नमी के कारण यह समस्या तेजी से पनपती है और कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। कई बार यह सिर्फ मामूली खुजली नहीं, बल्कि जलन, त्वचा का फटना, लालिमा और असहनीय बदबू का कारण बन सकती है। खासकर ‘एथलीट फुट’ (पैर की उंगलियों के बीच का इन्फेक्शन) और ‘टोनेल फंगस’ (नाखूनों का इन्फेक्शन) जैसी बीमारियां इस मौसम में बहुत आम हो जाते हैं। त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि यह संक्रामक भी हो सकता है। अच्छी बात यह है कि सही देखभाल और थोड़ी सी सावधानी से इस समस्या से बचा जा सकता है। अब क्योंकि मानसून आने वाला है, तो आइए इस लेख में इस समस्या से बचने चार उपाय के बारे में जानते हैं। आने वाला है मानसून, बढ़ेगा फुट फंगस का खतरा, ऐसे करें देखभाल
पैरों को साफ और सूखा रखें

गर्मी में पसीने के कारण पैर नम रहते हैं, जो फंगस के लिए आदर्श वातावरण बनाता है। रोजाना पैरों को एंटी-बैक्टीरियल साबुन से धोएं, खासकर उंगलियों के बीच। टिप: धोने के बाद तौलिए से अच्छी तरह सुखाएं। नहाने के बाद पैरों को हेयर ड्रायर के ठंडे मोड से सुखाना भी प्रभावी है। साफ मोजे पहनें और रोजाना बदलें।
वेंटिलेटेड जूते और मोजे चुनें
टाइट या प्लास्टिक के जूते पैरों में हवा को रोकते हैं, जिससे नमी बढ़ती है और फंगस पनपता है। चमड़े या मेश वाले वेंटिलेटेड जूते पहनें। सूती या नमी सोखने वाले मोजे चुनें। गर्मी में बंद जूतों की जगह सैंडल या ओपन-टो जूते बेहतर हैं। जूतों को धूप में सुखाएं और डीओडरेंट पाउडर का इस्तेमाल करें।
एंटी-फंगल प्रोडक्ट्स का उपयोग करें
फुट फंगस से बचाव के लिए एंटी-फंगल पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करें, खासकर यदि आप जिम, स्विमिंग पूल या सार्वजनिक शावर का उपयोग करते हैं। रात को पैर धोने के बाद एंटी-फंगल क्रीम लगाएं। नीम का तेल या टी ट्री ऑयल भी प्राकृतिक रूप से फंगस को रोकने में मदद करते हैं।
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