
बहन आयशा बोली- योगी अच्छे सीएम
लखनऊ। प्रयागराज से अशरफ को ले जाने आई पुलिस 18 घंटे बरेली में गुजारकर बैरंग लौट गई। अशरफ को ले जाने के लिए फिलहाल कोई तारीख तय की जाएगी या फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी होगी, इस पर संशय बरकरार है। शुक्रवार दोपहर बाद प्रयागराज पुलिस प्रिजन वैन लेकर अशरफ को ले जाने बरेली जिला जेल (केंद्रीय जेल-2) परिसर में पहुंची थी।

वहां अशरफ का प्रोडक्शन बी वारंट और सीजेएम प्रयागराज कोर्ट का आदेश सौंपा था। इसके बाद टीम ने सुबह अशरफ को ले जाने की इच्छा जताई। जेल प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी और टीम पुलिस लाइन चली गई। सुबह पुलिस टीम अशरफ को लेने जेल पहुंची ही नहीं। शाम को जब यह तय हो गया कि अशरफ को नहीं ले जाया जाएगा तो उसके वकील विजय मिश्रा भी प्रयागराज के लिए रवाना हो गए।
अशरफ की सुरक्षा में ढील का आरोप
अशरफ के वकील विजय मिश्रा ने बताया कि प्रयागराज से आई टीम ने बरेली पुलिस के अधिकारियों को कोई सूचना नहीं दी, न ही पुलिस लाइन में आमद कराई। अशरफ को अवैध हिरासत में ले जाने की तैयारी थी। उन्होंने विरोध किया तो जिला जेल के अधीक्षक ने प्रयागराज पुलिस को कागजात पूरे करके लाने को कहा।
अब सोमवार या अन्य दिन कागज पूरे होने पर ही अशरफ को निकाला जाएगा। वैसे हाईकोर्ट ने आदेश दे रखा है कि अशरफ को अनावश्यक रूप से जेल से न निकाला जाए। इस बारे में उनके अनुरोध पर सीजेएम प्रयागराज ने भी कमिश्नर प्रयागराज को पत्र लिखा है। उन्होंने भी बरेली जेल में हाईकोर्ट का निर्देश रिसीव कराया है।
रविवार को अवकाश की वजह से पेशी टलने की चर्चा
जेल प्रशासन के मुताबिक बी वारंट व सीजेएम के निर्देश की प्रति प्रयागराज की टीम ने उपलब्ध करा दिया था। बरेली पुलिस लाइन में भी टीम ने आमद कर ली थी और सुबह रवाना हुई। इस लिहाज से विजय मिश्रा के आरोप तर्कसंगत नहीं। सूत्र बताते हैं कि प्रोडक्शन वारंट की स्थिति में संबंधित को सीधे कोर्ट में पेश किया जाता है। शनिवार रात तक टीम अशरफ को लेकर प्रयागराज पहुंचती तो रविवार अवकाश की वजह से उसे कोर्ट में पेश करने में दिक्कत आती। इसलिए टीम ने इसे आगे के लिए टाल दिया।
एलआईयू और जेल अधिकारियों पर उठे सवाल
अशरफ के वकील ने कहा कि जेल में रहकर कोई कैसे हत्या की साजिश रच सकता है, जबकि अशरफ से मुलाकात के दौरान जेल के अधिकारी और एलआईयू के लोग मौजूद रहते हैं। वकील ने अशरफ की हत्या की आशंका जताई है।
अतीक के गैंग में शामिल हो सकता है सद्दाम का नाम
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के कुनबे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक अब प्रयागराज पुलिस अतीक अहमद के गैंग चार्ट को नए सिरे से तैयार करने जा रही है। इसमें अतीक और अशरफ के मददगारों के अलावा उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल लोगों के नाम बढ़ाए जा सकते हैं। पुलिस अशरफ के साले सद्दाम के साथ कई नए लोगों के नाम इसमें बढ़ा सकती है।
आयशा बोली- योगी अच्छे सीएम
अशरफ की बहन आयशा ने कहा कि उसके भाई को राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है। वह बेकसूर हैं। उसका और उसके परिवार का उत्पीडऩ किया जा रहा है। उमेश पाल हत्याकांड की सीबीआई जांच होनी चाहिए। आयशा और जैनब ने योगी को अच्छा सीएम बताते हुए कहा कि उन्हें सरकार और न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
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