
आपकी छोटी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
नई दिल्ली। आपने महसूस किया होगा कि इस साल सर्दियां बढऩे पर भी म‘छरों में कमी नहीं आ रही है आपकी गाड़ी हो या घर वो हर जगह आपको दिख जाएंगे। हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि शहरों में बढ़ती रोशनी या प्रकाश प्रदूषण ने म‘छरों को और आक्रामक बना दिया है। दरअसल सर्दियों में म‘छर सुप्तावस्था में चले जाते हैं और कम सक्रिय रहते हैं। लेकिन बढ़ती रोशनी ने इसकी सुप्तावस्था के समय को बेहद कम कर दिया है। ऐसे में म‘छर पहले से ’यादा आक्रामक हो रहे हैं। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि कृत्रिम प्रकाश म‘छरों के व्यवहार पर प्रभाव डालता है।

म‘छर मारने की दवा का ’यादा इस्तेमाल हो सकता है घातक
म‘छर मारने वाली लिक्विड आमतौर पर हर घर में इस्तेमाल की जाती है। ’यादातर लोगों के घर में ये सुबह से लेकर रात तक ऑन रहती है। तो, किसी के यहां ये रातभर ऑन रहती है। लेकिन, सवाल ये है कि ये तरीका क्या सही है। तो, आपको बता दें कि म‘छर मारने वाली लिक्विड में वैपोराइजिंग कैमिकल हो सकते हैं जो सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं हैं और सांस से जुड़ी समस्या को बढ़ा सकते हैं।

इसमें घातक कैमिकल्स होते हैं जो व्यापक रूप से म‘छरों और टिक्स जैसे काटने वाले कीटों को भगाने के लिए उपयोग किया जाता है। साथ ही अलग-अलग प्रोडक्ट में अलग-अलग चीजें हो सकती हैं जो कि नुकसादेह भी हो सकते हैं। कैसे, जानते हैं।
म‘छर मारने वाली लिक्विड के नुकसान
म‘छर मारने वाली लिक्विड के कारण आंखों में जलन या एलर्जी भी हो जाती है। बड़ी मात्रा में इसके कैमिकल्स में सांस लेना गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। जिसकी वजह से आपको सिर दर्द, आंखों में एलर्जी, जलन, चक्कर आना, मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है। इसलिए इसे ’यादा जलाने से बचें।
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