
जयपुर। सामाजिक सरोकार के लिए फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( फोर्टी)और पुलिस प्रशासन एक मंच पर साथ आए हैं। आपराधिक मामलों में पीड़ित बच्चियों के पुनर्वास के लिए फोर्टी और पुलिस कमिश्नरेट के बीच एमओयू साइन हुआ है। समझौते पर फोर्टी की ओर से अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल और पुलिस की ओर से कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर एडिशनल कमिश्नर पुलिस कुंवर राष्ट्रदीप और इस मुहिम की पहल करने वाले डीसीपी अमित बुडानिया, फोर्टी के मुख्य संरक्षक सुरजाराम मील, सरंक्षक आईसी अग्रवाल, मुख्य सचिव नरेश सिंघल, गिरधारी खंडेलवाल, वुमन विंग अध्यक्ष नीलम मित्तल, यूथ विंग अध्यक्ष सुनील अग्रवाल के साथ फोर्टी के सभी पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।
समझौते के तहत फोर्टी के पदाधिकारियों की ओर से दुष्कर्म पीड़िता बच्चियों और सजायाफ्ता अपराधी माता-पिता के निराश्रित छोटे बच्चों को गोद लेकर उनका पालन- पोषण, शिक्षा, रोजगार और शादी तक उनकी जिम्मेदारी उठाई जाएगी। पहले चरण में 8 बच्चियों को फोर्टी के 10 पदाधिकारियों ने ने गोद लिया है। इनमें मुख्य संरक्षक सुरजाराम मील, संरक्षक आईसी अग्रवाल, अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, यूथ विंग अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, सलाहकार जुगल डेरेवाला, पेस्ट प्रेसिडेंट आत्माराम गुप्ता, कार्यकारी अध्यक्ष पीडी गोयल, उप उपाध्यक्ष विकास जैन, उप उपाध्यक्ष नरेश चौपड़ा, उपाध्यक्ष यूथ विंग अभिषेक गोयल शामिल हैं।
इन सभी पदाधिकारियों को पुलिस कमिश्नर की ओर से सम्मानित किया गया। फोर्टी की ओर से पुलिस कमिश्नर को इन बच्चियों के नाम एफडीआर की कॉपी सोंपी गई। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ का कहना है कि डीसीपी अमित बुडानिया की इस पहल को फोर्टी के भामाशाहों की ओर से अच्छा प्रौत्साहन मिला है। इसे देखकर अब इस मुहिम को पूरे राज्य में पहुंचाया जाएगा ।
कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि पुलिस अपराधियों को सजा दिलाने के साथ इस तरत भी सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी निभा सकती है, लेकिन इसके लिए फोर्टी जैसे संगठनों का साथ मिलना आवश्यक है। डीसीपी अमित बुडानिया का कहना है कि न्याय की लडाई तब तक अधुरी है, जब तक कि पीड़ित को सामाजिक सुरक्षा नहीं मिले। इस लिए फोर्टी के साथ इस मुहिम की शुरुआत की गई है। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल और यूथ विंग अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने बताया कि दुष्कर्म पीडित छोटी बच्चियों या फिर ऐसे छोटे बच्चे जिनके पिता या संरक्षक को अपराध में सजा मिल चुकी होती हैं। ऐसे निराश्रित बच्चों को अपराध की दुनिया से बचाने और समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए फोर्टी ने डीसीपी अमित बुडानिया की पहल को आगे बढ़ाया है।